Movie Review: कॉमेडी, इमोशन्स और सस्पेंस से भरपूर है मल्टीस्टारर फिल्म ''लूडो''

11/13/2020 3:17:15 PM

मुंबई. जिसका फैंस ब्रेसबी से इंतजार कर रहे थे वो दिन आखिर आ ही गया। यानि डायरेक्टर अनुराग बसु की फिल्म लूडो ओटीटी पर रिलीज हो चुकी है। लूडो स्वर्ग और नरक के फलसफे को दरसाती है। आइए जानते है फिल्म का रिव्यू...


कहानी

 फिल्म लूडो की शुरुआत डॉन सत्तू भैया यानी राहुल सत्येंद्र त्रिपाठी (पंकज त्रिपाठी) से होती है, जो बिल्डर भिंडर का कत्ल कर देता है। कत्ल करके लौटते समय इस मर्डर के गवाह राहुल अवस्थी (रोहित सर्राफ) को अपनी वैन में साथ ले जाता है। राहुल एक मॉल में कर्मचारी है और अपने बॉस के आतंक का मारा है। वो अनजाने में भिंडर के खून का गवाह बन जाता है। सत्तू की वैन आगे बढ़ती है और रास्ते में आशा (आशा नेगी) के पति भानु (भानु उदय गोस्वामी) को उठा लिया जाता है, जिस पर सत्तू का 90 लाख रुपया बकाया है। आशा, बिट्टू (अभिषेक बच्चन) की एक्स पत्नी है। आपराध बिट्टू की पृष्ठभूमि रही है और वह छह साल की जेल काटकर अभी लौटा है। दोनों की एक बेटी (रूही) भी है। बिट्टू के जेल जाने के बाद आशा भानु से दूसरी शादी कर लेती है। आशा, रूही को पढ़ने के लिए हॉस्टल भेज देती है। आशा के पति ने सत्तू से पैसा उधार लिया था। आशा, पति को सत्तू से छुड़ाने के लिए बिट्टू से मदद मांगती है। बहुत मिन्नतें करने के बाद बिट्टू आशा की मदद करने के लिए तैयार हो जाता है। सत्तू से बात करने के लिए बिट्टू उसके अड्डे पर जाता है। बिट्टू और सत्तू की एक ही कहानी है। 


आलोक कुमार गुप्ता यानी आलू (राजकुमार राव) छोटे-मोटे अपराधों में व्यस्त रहता है, लेकिन वह आशिक भी है। आलू मिथुन दा की तरह लंबे बाल रखता है, उन्हीं की तरह डांस करता है और जरूरत पड़ने पर वैसे ही बात करता है, क्योंकि पिंकी (फातिमा सना शेख) के मनपसंद एक्टर मिथुन चक्रवर्ती हैं। आलू बचपन से ही पिंकी को प्यार करता है और उसके लिए कुछ भी कर सकता है। मगर, पिंकी की शादी मनोहर जैन (पारितोष त्रिपाठी) से हो जाती है। मनोहर का अफेयर किसी दूसरी लड़की से चल रहा होता है। कुछ ऐसा होता है कि मनोहर, भिंडर के कत्ल के आरोप में पकड़ा जाता है। पति को बचाने के लिए पिंकी आलू से मदद मांगती है, जो पिंकी को किसी भी हाल में मना नहीं कर सकता है।



श्रुति चोक्सी (सान्या मल्होत्रा) का सपना एक अमीर आदमी से शादी करके घर बसाने का है। वेडिंग ऐप के जरिए लड़का खोजने के दौरान उसकी मुलाकात डॉ. आकाश चौहान (आदित्य रॉय कपूर) से होती है। कुछ मुलाकातों के बाद दोनों में शारीरिक संबंध बन जाते हैं, जिसका वीडियो इंटरनेट पर अपलोड हो गया है। कैसे? ये राज आगे जाकर खुलता है। वीडियो में सिर्फ श्रुति का चेहरा साफ दिख रहा होता है। इसलिए आकाश उसे पुलिस में शिकायत करने के लिए कहता है। मगर श्रुति तैयार नही होती क्योंकि उसकी पांच दिन बाद शादी है। फिर आकाश अपने बड़े भाई के साथ सत्तू की मदद लेने उसके अड्डे पर जाते हैं। फिर बिट्टू, आकाश और राहुल सत्तू के अड्डे पर पहुंचते हैं। जहां पर एक एक दुर्घटना हो जाती है, जिसमें कई लोग मारे जाते हैं और सत्तू बुरी तरह से जख्मी हो जाता है। इसके बाद फिल्म के सभी किरदार अपनी-अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए जिदंगी की लूडो पर चालें चलते हैं।


एक्टिंग

एक्टिंग की बात करें तो अभिषेक की एक्टिंग ने सबका दिल जीत लिया है। राजकुमार राव ने भी मिथुन चक्रवर्ती के फैन के किरदार में सबके होश उड़ा दिए हैं। फातिमा सना शेख ने भी पत्नी और मां के रूप में जबरदस्त रोल प्ले किया है। फिल्म में आदित्य रॉय कपूर और सान्या मल्होत्रा सबके कमजोर किरदार हैं। फिल्म पंकज त्रिपाठी का सत्तू भैया वाला रोल फिल्म की जान है। उसी के इधर कहानी घूमती है।


डायरेक्शन

डायरेक्शन की बात करें तो अनुराग बसु ने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की है। इतने किरदारों को एक माला में पिरोना वाकई काबिले तारीफ है।


संगीत

फिल्म के गाने आबाद बरबाद, हरदम हमदम और लूडो सभी अच्छे हैं। लोंगो का मनोरंजन कराने के लिए बेहतर साबित होते हैं।


 

Parminder Kaur