Movie Review: इश्क और तबाही की दमदार कहानी है 'कबीर सिंह'
6/21/2019 4:10:08 PM
मुंबई: बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर की फिल्म 'कबीर सिंह' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म में शाहिद के साथ लीड रोल में कियारा आडवाणी है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि जब दो प्रेमी मिलते हैं तो जश्न मनाया जाता है, लेकिन जब दो प्रेमी जुदा होते हैं तो लड़का तबाही के रास्ते पर चल पड़ता है। लोगों की लाख मिन्नतों के बाद भी नहीं सुधरता और फिर कुछ ऐसा होता है कि आप अपना सिर पकड़कर बैठ जाते हो।
कहानी
ये कहानी है कबीर राजवीर सिंह की है, जो आईआईएम से पढ़ाई कर रहा है और वहां का टॉपर स्टूडेंट है। कबीर पढ़ाई में बहुत अच्छा है, हर फील्ड में टॉप करता है, यहां तक कि कॉलेज के फुटबॉल टीम का कप्तान भी है। लेकिन कबीर की सिर्फ एक ही दिक्कत है, उसे गुस्सा बहुत आता है। फिर एक दिन कबीर की जिंदगी में आती है प्रीति, जो कॉलेज के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स में से एक है। प्रीति की सादगी देखकर कबीर को उससे प्यार हो जाता है, लेकिन बाद में ये दोनों जुदा हो जाते हैं और फिर शुरू होता है कबीर का बर्बादी के रास्ते पर चलने का किस्सा। अब कबीर दिन रात शराब पीता है, गांजे से लेकर कोकीन तक सबकुछ करता है और हॉस्पिटल में बतौर सर्जन काम कर रहा है। प्रीति उसके दिमाग से जाती नहीं। किसी और के बारे में सोचना उसकी फितरत नहीं है। खैर अब देखना ये होगा कि क्या प्रीति कबीर को वापिस मिलती है या नहीं। ये देखने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखनी पड़ेगी।
एक्टिंग
एक्टिंग की बात करें तो शाहिद कपूर, कबीर सिंह के किरदार में जबरदस्त हैं। एक जिद्दी, अड़ियल लड़का, जो हमेशा गुस्से में रहता है। ऐसा किरदार निभाना कोई आसान काम नहीं है। एक शराबी का रोल निभाना उससे भी मुश्किल है और शाहिद ने ये काम बहुत ही सरलता से किया है। प्रीति के रोल में कियारा आडवाणी अच्छी हैं। उन्होंने प्रीति के किरदार को अच्छे से निभाया है और उसकी सादगी को बरकरार रखा है। कुछ सीन्स में कियारा आपको चौंका भी देती हैं और आप उनके काम की दाद देते हैं। सपोर्टिंग रोल में कबीर के पिता बने एक्टर सुरेश ओबेरॉय, उसके भाई के रोल में अर्जन बाजवा, कॉलेज के डीन के रोल में आदिल हुसैन और बाकी एक्टर्स ने भी बढ़िया काम किया है।
लेकिन एक इंसान जिसके लिए आपके दिल मे जगह बन जाएगी वो है कबीर के दोस्त शिवा के रोल में एक्टर सोहम मजूमदार। सोहम ने कमाल का काम किया है। कबीर के साथ पढ़ने करने से लेकर उसकी जिंदगी बचाने और बसाने की कोशिश तक शिवा वो सबकुछ करता है जो एक अच्छा दोस्त आपके लिए कर सके, बल्कि उससे भी और बहुत ज्यादा कुछ।
डायरेक्शन
डायरेक्टर संदीप वांगा ने इस फिल्म को अर्जुन रेड्डी के जैसा सीन टू सीन कॉपी बनाया है। अगर वो कबीर सिंह को अर्जुन रेड्डी की कॉपी के बजाए कुछ अलग तरह से बनाते तो शायद ये और अच्छी होती। हालांकि उनका निर्देशन अच्छा है और उन्होंने इस फिल्म को बढ़िया तरीके से बनाया है। हां ये फिल्म थोड़ी छोटी जरूर हो सकती थी, क्योंकि इसके अंत तक पहुंचते हुए आप इसके जल्द खत्म होने का इंतजार जरूर करने लगते हैं।
म्यूजिक
फिल्म का म्यूजिक कमाल है। म्यूजिक को बॉलीवुड के बढ़िया कंपोजर्स की टीम- मिथुन, अमाल मलिक, विशाल मिश्रा, सचेत-परंपरा और अखिल सचदेव ने बनाया है। इसका एक-एक गाना आपके दिल मे उतरकर आपको बहुत कुछ महसूस करवाता है।
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