Laxmii Movie Review : 'लक्ष्मी' बनकर अक्षय कुमार ने दिखाया दम, कॉमेडी और हॉरर के नाम पर कहानी है बिल

11/10/2020 10:50:36 AM

बॉलीवुड तड़का टीम. जिसका फैंस को बेसब्री से इंतजार था, वो फिल्म यानि अक्षय कुमार और कियारा आडवाणी की 'लक्ष्मी' रिलीज हो गई है। फिल्म को 9 नवंबर को डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम किया गया है। फिल्म को रिलीजिंग के बाद दर्शकों के काफी रिएक्शन मिल रहे हैं। अगर आप भी फिल्म देखने की तैयारी में हैं, तो आईए जान लेते हैं पहले फिल्म का रिव्यू...


कहानी

फिल्म 'लक्ष्मी' हरियाणा के रेवाड़ी में रहने वाले आसिफ़ (अक्षय कुमार) और रश्मि (कियारा आडवाणी) की कहानी है, जिन्होंने प्रेम-विवाह किया है। लेकिन यह इंटर रिलीजन है। दोनों ने भाग के शादी की है, लेकिन रश्मि के मां-पिता उसकी किसी और मजहब में शादी करने से नाराज हैं। लेकिन आसिफ चाहता है कि रश्मि अपने मां-बाप से मिले। आख़िरकार, अपनी शादी की 25वीं सालगिरह के सेलिब्रेशन के लिए रश्मि की मां रत्ना (आएशा रज़ा मिश्रा) उसे अपने घर बुलाती हैं। रश्मि ये जानकर खुश हो जाती है और सोचती है इसी बहाने उनके मां-बाप आसिफ से भी मिल लेंगे और शायद उनकी नाराजगी खत्म हो जाए। लेकिन रश्मि के पिता की नाराजगी खत्म नहीं होती और उनकी मां को अब आसिफ को अपनाने में कोई दिक्कत नहीं है। 

 

लेकिन आसिफ घर आते ही उस जगह पर पहुंच जाता है जहां उसे नहीं जाना चाहिए था और उसने उसकी पूरी जिंदगी बदल जाती है। उसे अंदर एक आत्मा प्रवेश कर जाती है। आसिफ हर बात पर बोलता है, 'मां कसम चूड़ियां पहन लूंगा' और फिर उसे चूड़ियां पहननी ही पड़ती हैं।इसके बाद घर में कुछ सुपरनेचुरल पॉवर का खेल शुरू हो जाता है। लेकिन आसिफ ने चूड़ियां क्यों पहनी हैं, उसका एक उद्देश्य है जो आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा।


रिव्यू
फिल्म के रिव्यू की बात करें तो फिल्म के पहला सीक्वल काफी जानदार है और अक्षय कुमार की एंट्री शानदार तरीके से होती है। लेकिन फिल्म दूसरे सिक्वल में आकर धीमी हो जाती है और कहानी काफी लंबी लगने लगती है, जो लोगों को बोर कर सकती है। अक्षय कुमार की परफॉर्मेंस धमाकेदार है। ये फिल्म एक हॉरर और कॉमेडी फिल्म है लेकिन ये लोगों को हंसाने में कामयाब नहीं हो पाती। हां कहीं-कहीं कुछ सीन ऐसे हैं, जिसे देख दर्शक चौंक जाएंगे। लेकिन ऐसा ज्यादा बार नहीं हो पाता। इसके साथ 'लक्ष्मी' ट्रांसजेंडरों को लेकर लोगों सोच और समाज में उनकी सहज स्वीकार करने जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी उजागर करती है यानि एक अच्छा संदेश देती है।


एक्टिंग
फिल्म में अक्षय कुमार की एक्टिंग काबिल-ए-तारीफ है। उनके चेहरे के हाव-भाव लोगों को इम्प्रेस करने में कामयाब होते हैं। लेकिन कियारा के पास करने के लिए कुछ खास नहीं था, यानि दोनों की जोड़ी जम नहीं रही है। 


डायरेक्शन 
फिल्म का डायरेक्शन राघव लॉरेंस ने किया है उन्होंने फिल्म को कामयाब बनाने में हर संभव कोशिश की है। राघव के निर्देशन में साउथ इंडियन स्टाइल की छाप साफ़ नज़र आती है।

 
संगीत
फिल्म के गाने जबरदस्त हैं, लेकिन उनका कहानी में कोई योगदान नहीं हैं। 'बुर्ज खलीफा' मिसफिट है और 'बम भोले' सॉन्ग फिल्म में ऊर्जा पैदा करता है।

 
 

suman prajapati