मशहूर संगीतकार खय्याम ने दुनिया को कहा अलविदा,पीएम मोदी से लेकर बिग बी तक ने दी श्रद्धांजलि

8/20/2019 8:59:27 AM

मुंबई: बाॅलीवुड इंडस्ट्री ने सोमवार यानि 19 अगस्त को अपना एक अनमोल सितारा खो दिया। खय्याम के नाम से मशहूर संगीतकार मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी का सोमवार रात करीब 9:30 बजे मुंबई के सुजॉय अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 92 साल के थे और कुछ समय से फेफड़े के संक्रमण से पीड़ित थे। परिवार के सूत्रों ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें पिछले हफ्ते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। खय्याम ने ‘कभी-कभी, हीर-रांझा और ‘उमराव जान’ जैसी कई हिट फिल्में दीं। खय्याम के निधन से फिल्म जगत से लेकर राजनीति गलियारे तक शोक की लहर है। अमिताभ बच्चन से लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। 

 

 

अमिताभ बच्चन


 अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर व्यक्त की शोक संवेदना लिखा-'मेरी फिल्मों के साथ तमाम फिल्मों में यादगार संगीत देने वाले खय्याम साहब के निधन से हूं दुखी।'

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा- 'भारत हमेशा कुछ अच्छी यादें देन के लिए खय्याम साहब को आभारी रहेगा। उन्हें आने वाले कलाकारों का समर्थन करनेके लिए भी याद किया जाएगा। उनका निधन अत्यंत दुखद है। ” 

 

लता मंगेशकर 

लता मंगेशकर ने लिखा कि खय्याम एक दयालु दिल वाले महान संगीतकार थे। उसने कहा कि उनके निधन के साथ संगीत का एक युग समाप्त हो गया। उन्होंने लिखा-'महान संगीताकर और बहुत नेक दिल इंसान खय्याम साहब आज हमारे बीच नहीं रहे।

 

ये सुनकर मुजे इतना दुखा हुआ है जिसे मैं बयान नहीं कर सकती। उनके निधन के साथ संगीत का एक युग समाप्त हो गया। (दयालु दिल वाले एक महान संगीतकार, खय्याम साहब अब हमारे साथ नहीं हैं। यह सुनकर मैं दुखी हूं, मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता। खय्याम साहब के साथ, संगीत का एक युग समाप्त हो गया है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

 

जावेद अख्तर 

जावेद अख्तर ने ट्विटर पर लिखा-'खय्याम साहब महान संगीत निर्देशक का निधन हो गया है। उन्होंने कई सारे बेहतरीन गीत दिए हैं, लेकिन उन्हें अमर बनाने के लिए केवल एक ही था 'वो सुबह  कभी तो आएगी।'

 

खय्याम के फिल्मी करियर की बात करें तो साल 1953 में फुटपाथ फिल्म से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की। साल 1961 में आई फिल्म शोला और शबनम में संगीत देकर खय्याम साहब को पहचान मिलनी शुरू हुई।

खय्याम आखिरी खत, कभी-कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार, उमराव जान और यात्रा जैसी फिल्मों में धुनें दे चुके हैं। वहीं अपने शानदार काम के लिए उन्हें कई सारे अवॉर्ड भी मिले हैं।

 

उन्हें साल 2007 में संगीत नाटक एकेडमी अवॉर्ड और साल 2011 में पद्म भूषण जैसे सम्मानों से नवाजा जा चुका है। वहीं कभी-कभी और उमराव जान के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड और उमराव जान के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।

 


 

Smita Sharma