मिशन मंगल रिव्यूः  अक्षय कुमार की फिल्म में छा गई 5 एक्ट्रेस

8/15/2019 1:04:40 PM

बॉलीवुड तड़का टीम.  अक्षय कुमार जानेत हैं कि लीक से हटकर फिल्में करना उनकी सफलता का राज बन गया है। फिर चाहे वह 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' हो या फिर 'पैडमैन'। अब अक्षय कुमार 'मिशन मंगल' के साथ दर्शकों के बीच पहुंचे और इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि उन्होंने 5 एक्ट्रेस वाली इस फिल्म में उन्हें पूरा मौका दिया। अक्षय बहुत ही समझदारी से अपना रास्ता बना लेते हैं। जैसे उन्हें हर संकट से बाहर निकलने का हुनर पता हो। 

अक्षय कुमार की इस फिल्म को समीक्षकों ने 5 में से 3 पाइंट दिए हैं। यह फिल्म भारतीय सिनेमा के अंतरिक्ष से जुड़ों नाटकों में से एक है। 'मिशन मंगल' की कहानी एक असफल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन मिशन के साथ शुरू होती है। इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर राकेश धवन उर्फ अक्षय कुमार एक अग्रणी अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं। राकेश धवन का कैरेक्टर अंतरिक्ष वैज्ञानिक सतीश धवन की तरह है, जिसके खिलाफ एक जांच चल रही है, लेकिन उसे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता।  

 

असफल धवन का मानना है कि प्रयोगों, परीक्षणों और त्रुटियों के बिना कोई विज्ञान नहीं हो सकता है। लेकिन उनकी टीम की एक प्रमुख सदस्य, तारा शिंदे (विद्या बालन) इस असफलता से दुखी होती हैं, लेकिन उसे उम्मीद है कि यह मिशन पूरा हो सकता है। जगन शक्ति द्वारा लिखी और निर्देशित की गई मिशन मंगल का केंद्र यह है कि उनके दोनों संरक्षक बड़े सपने देखते हैं और वे मंगल का सपना देखते हैं। 

लेकिन फिल्म देखते हुए यह मुमकिन करना मुश्किल होता है कि तारा के दिमाग में सिर्फ मंगल ही चलता है। जब हम पहली बार उसे घरेलू कामों में व्यस्त देखते हैं तो यकीन करना मुश्किल होता है कि यह इसरो की एक खास सदस्य हैं। वह घर में संतुलन बना कर चलती है और उसका काम अद्भुत है। वह महिला बंगलौर के प्रार्थना घर में सर्वशक्तिमान से आशीर्वाद मांगती है, अगले ही दिन वह रसोई में होती है, जहां उसे पता चलता है कि नौकरानी ने कोई भी काम ठीक से नहीं किया है। 

जिस तरह तारा घर में पति और दो बच्चों की संभालती है उसे तरह वह वैज्ञानिक के तौर पर इसरो के लिए भी उतनी है सिद्दत से जुटी रहती है। धवन और तारा इस मिशन मंगल 2010-11के लिए  4 ऐसी महिलाओं को अपने साथ जोड़ते हैं जो इसे सफल बनाने में साथ दें। 

इसके साथ ही फिल्म में बहुत जल्दी-जल्दी इन चार किरदारों से रूबरू कराया जाता है। इनमें उपग्रह डिजाइनर वर्षा पिल्लई उर्फ निथ्या मेनन, नेविगेशन और संचार वैज्ञानिक कृतिका अग्रवाल उर्फ तासपे पन्नू, उपग्रह स्वायत्तता विशेषज्ञ नेहा सिद्दीकी (कीर्ति कुल्हारी) और प्रणोदक इंजीनियर ईका गांधी (सोनाक्षी सिन्हा) शामिल हैं। 

 

इन चारों महिलाओं की लाइफ भी तारा की तरह बहुत साधारण हैं, लेकिन इन सब में कुछ करना का जज्बा है जो इन्हें अंत तक जोड़े रखता है। सभी एक्ट्रेसेस ने बहुत सानदार अभिनय किया है और वह अपने मिशन में कितनी कामयाब होती हैं। यही है इस फिल्म की कहानी। 

 

 

Smita Sharma