#MeToo भारती सिंह से लेकर पूजा भट्ट भी हो चुकी हैं यौन शोषण का शिकार
10/18/2017 10:31:37 AM

मुंबई: हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे वीनस्टीन पर यौन शोषण के लगे आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर Me Too कैंपेन चल रहा है, जिसमें दुनियाभर से यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाएं Me Too लिखकर अपना अनुभव साझा कर रही है। मल्लिका इससे पहले उबर कैब में अपने साथ हुई बदतमीजी के बारे में भी सोशल मीडिया पर बता चुकी हैं।
कॉमेडियन और एक्ट्रैस मल्लिका दुआ ने हाल ही में सोशल साइट इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की है। जिसमें उन्होंने यौन उत्पीड़न को लेकर आपबीती सुनाई है। उन्होंने लिखा- Me Too... "मेरी ही कार में हुआ। मेरी मम्मी कार चला रही थीं और वो पीछे की सीट पर बैठा था। उसका हाथ पूरे समय मेरे स्कर्ट के अंदर था। मैं उस समय 7 साल की थी। मेरी बहन 11 साल की थी। उसके हाथ मेरे स्कर्ट के अंदर सभी जगह गए और मेरी बहन की पीठ पर भी गए। मेरे पापा जो दूसरी कार में थे, उन्होनें उसी रात उसके जबड़े को तोड़ दिया था।"
कॉमेडियन भारती सिंह अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचानी जाती हैं। भारती के मुताबिक, मैं 13 साल की थी। मैं अपने स्कूल की तरफ से एनसीसी कैम्प के सिलसिले में यूपी में कहीं जा रही थी। जब हमारी ट्रेन आगरा में रुकी, तो मैं पेठे खरीदने के लिए स्टेशन उतरी। इसी बीच एक अधेड़ उम्र के आदमी ने मेरी ब्रेस्ट दबोच ली। मैंने भी बिना देर करते हुए उसे पकड़ लिया और मारना शुरू कर दिया। वहां मौजूद आसपास के लोगों ने मेरा साथ देते हुए उसे जमकर लताड़ा। हैरानी की बात यह थी एनसीसी ड्रेस में होने के बावजूद उसकी हिम्मत इतनी बढ़ गई। मैं तो यही कहना चाहूंगी कि सोशल मीडिया में चलने वाले इस कैंपेन ने लड़कियों में हिम्मत जगाई है उससे जरूर बदलाव आएगा। हर लड़कियां अब भारती बन रही हैं जो अच्छी बात है।
जब-जब मेरे साथ हुआ है, मैंने मुंह तोड़ जवाब दिया : पूजा भट्ट
पूजा भट्ट इंडस्ट्री की उन सशक्त महिलाओं में आती हैं, जिन्होंने मुद्दा चाहे जो भी हो अपनी बातें पूरी बेबाकी से रखी हैं। सेक्शुअल अब्यूज पर चल रहे इस कैंपेन के बारे में पूजा कहती हैं, 'मुझे यह बताइए जो औरतें या मर्द फेसबुक पर नहीं है, जिन्हें सोशल साइट्स का आइडिया नहीं है उनकी बातें कौन सुनेगा? केवल वायरल करने से यह मुद्दा खत्म तो नहीं हो जाता है। काश फेसबुक अपडेट पर सेक्सुअल अब्यूज खत्म हो जाता। हम ऐसी सोसायटी में रहते हैं, जहां लोग अपने घरों की बात को बाहर लाने से डरते हैं। जिस दिन लोगों में यह हिम्मत आ जाए और अपने बाप, चाचा, मामा, आंटी के खिलाफ नाम लेने लगें, तो शायद बदलाव की उम्मीद हो सकती है। रही बात मेरे साथ होने की तो बताइए कि कौन सी ऐसी महिला है, जो इसका शिकार नहीं हुई हैं। मेरी मानना यही है कि मैं भले ही मर जाऊं, लेकिन ख़ुद पर ज़ुल्म नहीं होने दूंगी। जब-जब मेरे साथ हुआ है, मैंने मुंह तोड़ जवाब दिया है। वहीं, लड़कों के अब्यूज की बात करें, तो इंडस्ट्री में लड़कियों से ज्यादा लड़के इसका शिकार होते हैं। लेकिन वह अगर किसी से इसका ज़िक्र करें, तो लोग मजाक बनाते हैं। हमें इस मुद्दे पर एक समान ही सोचना चाहिए।'
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