Review: पहले सीजन की तुलना में कमजोर है द फैमिली मैन 2,मनोज बाजपेयी-सामंथा की एक्टिंग ने जीता दिल

6/5/2021 11:46:33 AM


मुंबई: मनोज बायपेयी, सामंथा अक्किनेनी स्टारर सीरीज 'द फैमिली मैन 2' हाल ही में रिलीज हुई है। सीरीज की शुरुआत वहीं से होती है जहां पहले सीजन की कहानी खत्म हुई थी। हालांकि इस बार इस बार चुनौतियां दूसरी है। इस बार  की कहानी श्रीलंका और भारत के रिश्तों पर आधारित है। पाकिस्तान का कनेक्शन दिखाया गया है, लेकिन सारा खेल श्रीलंका की तरफ से होता है।

श्रीलंका में तमिल आबादी अपने हक के लिए लंबे समय से लड़ रही है।जान बचाने के लिए उन सभी आंदोलनकारियों को दूर-दराज के देशों में शरण लेनी पड़ी है। उस आंदोलन का एक सैनिक भारत के तमिलनाडु में शरण लेता है। श्रीलंका सरकार चाहती है कि भारत उन्हें उस सैनिक को सौंप दें। भारत देश ऐसा करने के लिए तैयार भी हो जाता है पर अचानक उस सैनिक की हत्या हो जाती है।

अब क्योंकि उस आंदोलन का एक सक्रिय सैनिक भारत में मरता है, ऐसे में देश के खिलाफ साजिश रचने की तैयारी शुरू होती है। बताया जाता है कि देश के प्रधानमंत्री को ये लोग अपना निशाना बना सकते हैं। यहीं पर कहानी में भारत की सीक्रेट एजेंसी की एंट्री होती है और फिर श्रीकांत  तिवारी ( मनोज बाजपेयी) और डीके ( शरीब हाशमी) देश को खतरे से बचाने में लग जाते हैं। अब देश को श्रीकांत इस खतरे से कैसे बचाएगा?  

लंबी है कहानी

'द फैमिली मैन' का पहला सीजन शानदार था और बहुत हद तक दर्शकों को अपनी कहानी के साथ बांधने वाला रहा। 10 एपिसोड बाद भी मन नहीं भरा था और आगे की कहानी जानने के लिए एक्साइटिड थे। लेकिन पहले सीजन की तुलना में कमजोर रह गया है. जिस कहानी को मेकर्स ने 9 एपिसोड में बताया है, इसे काफी आसानी से 5 से 6 एपिसोड में बताया जा सकता था।

कहानी चाहे लंबी हो पर इस बार भी एक्टिंग के मामले में सभी स्टार्स ने शखुश कर दिया। मनोज बाजपेयी ने अलग ही स्वैग में श्रीकांत तिवारी का रोल अदा किया। साउथ एक्ट्रेस सामंथा अक्किनेनी सभी के लिए बड़ा सरप्राइज हैं। उन्हें काफी कम डायलॉग दिए गए हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ अपने हाव-भाव से ही सभी को खौफजदा कर दिया है। बाकि स्टार्स की एक्टिंग भी काफी शानदार है। 

कमजोर कड़ी

'द फैमिली मैन 2' के क्रिएटर्स राज निदीमोरू और कृष्णा डीके ने इस बार भी अपना कल का प्रदर्शन तो ठीक से कर दिया है, लेकिन कुछ एक्स्ट्रा प्लॉट दिखाने के चक्कर में वे कई बार मात खा गए। ये सीरीज देख समझ आ गया कि हर बार आंतकवाद और पाकिस्तान को साथ दिखाने से कहानी इंट्रेस्टिंग नहीं बनाई जा सकती।ऐसे में इस सीरीज को देखते समय जब-जब आप सीजन 1 से तुलना करेंगे, निराश होंगे, लेकिन अगर सिर्फ स्टार्स की एक्टिंग पर फोकस करेंगे तो मेकर्स की तारीफ भी होगी। 

 

 

 

 

Content Writer

Smita Sharma