ठंडी हुई लता मंगेशकर की चिता की आग..आंखों में आसूं लिए अस्थियां लेने पहुंचा परिवार,भाई हृदयनाथ के परिवार ने निभाई रस्में
2/7/2022 2:52:51 PM
मुंबई: भारत की सबसे प्रतिभाशाली गायिका लता मंगेशकर का रविवार 6 फरवरी की सुबह निधन हो गया था। 6 फरवरी की शाम शिवाजी पार्क में लता मंगेशकर को पूरी राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उन्हें अपना अंतिम प्रणाम कहने नेता-अभिनेता समेत तमाम हस्तियां शिवाजी पार्क में मौजूद थे।
सिंगर के पूरा परिवार ने अपनी प्यारी लता को नम आंखों से विदाई दी। गोधुली बेला में लता को उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने मुखाग्नि दी।
वहीं 7 फरवरी की सुबह चिता की आग ठंडी हो जाने पर उनके परिवार ने शिवाजी से लता की अस्थियां उठाई।
अस्थियां लेने हृदयनाथ के बेटे और लता के भतीजे आदिनाथ मंगेशकर पहुंचें। पंडित ने पूरे रीति-रिवाज से लता की अस्थियों को कलश में भरा और उन्हें आदिनाथ को दिया। आदिनाथ मंगेशकर लता मंगेशकर के छोटे भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर के बेटे हैं। वह भी पिता और बुआ की तरह सिंगर ही हैं।
इस दौरान लता का परिवार सफेद लिबास में उदास भाव में दिखाई दिए। चेहरे पर मास्क के बावजूद उनके माथे की शिकन और झुकी हुई नजरें, साफ बताती हैं कि वे लता दीदी के जाने से कितने दुखी हैं।
असिस्टेंट म्युनिसिपल कमिश्नर किरण दिघवकर ने समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ बातचीत में कहा-'हमने अस्थिकलश आदिनाथ को सौंप दिया है। वो लता मंगेशकर के भाई और म्यूजिक कंपोजर ह्रदयनाथ मंगेशकर के बेटे हैं।'
लता मंगेशकर जीवन भर अविवाहित थीं इसलिए उनके भाई का परिवार ही उनके अंतिम संस्कार से जुड़ी सभी चीजें कर रहा है।
फैंस ने की स्मृति स्थल बनाने की मांग
लता मंगेशकर के करोड़ों फैंस और संगीत प्रेमियों ने महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि दिवंगत भारत रत्न लता दीदी का अंतिम संस्कार जिस जगह पर किया गया वहीं पर उनका स्मृति स्थल बनाया जाए।
शिवाजी पार्क में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का स्मृति स्थल बना हुआ है। बाल ठाकरे के बाद लता मंगेशकर दूसरी हस्ती हैं जिनका शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार किया गया। उनका अंतिम संस्कार उस जगह से थोड़ी ही दूरी पर हुआ, जहां बाल ठाकरे का हुआ था।
दो दिन का राष्ट्रीय शोक
लता मंगेशकर ने अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया। उनका इस दुनिया से विदा लेना पूरे देश के लिए दुख का क्षण था। दिग्गज गायिका लता मंगेशकर के सम्मान में केंद्र सरकार की तरफ से 6 और 7 फरवरी को राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा और इन दो दिनों तक कोई सरकारी मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होंगे।