''Every child alive'' कोर्टे के साथ करीना कपूर कर रही हैं UNICEF कैंपेन को सपोर्ट

2/23/2018 11:33:30 AM

मुंबई: बॉलीवुड एक्ट्रैस करीना कपूर UNICEF कैंपेन को सपोर्ट कर रही हैं। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल लगभग 2.6 मिलियन बच्चे एक महीने के होने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। दुख की बात यह है कि इनमें से लगभग 1 मिलियन बच्चे एेसे हैं जो अपने जन्म के कुछ घंटो बाद ही मर जाते हैं। अगर मां और बच्चे को एक सस्ती और अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराई जाएं, साफ़ पानी उपलब्ध कराया जाए और अच्छा खाना द‍िया जाए तो ये बच सकते है। 

यूनिसेफ ने बीते मंगलवार को इस समस्या पर काम करने और इसके समाधान तलाशने के उद्देश्य से एक ग्लोबल कैंपेन शुरू किया है जिसे नाम दिया गया है ‘एव्री चाइल्ड अलाइव’। इसके तहत यूनिसेफ आह्वाहन करता है तमाम सरकारों, उद्योगपतियों, स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों, समुदायों और सभी परिवारों का जो इन नवजात शिशुओं को जीने का एक मौका देने में मदद करें। ‘एव्री चाइल्ड अलाइव’ चैलेंज के चलते द टाइम्स ऑफ इंडिया ने आमंत्रित किया यूनिसेफ प्रवक्ता और बॉलीवुड सुपरस्टार करीना कपूर खान को कि वो हमारे नवजात शिशुओं की ज़िंदगियां बचाने की ज़रुरत को देखते हुए एक शक्तिशाली एडिट पेज आर्टिकल लिखें। करीना, जिनका बेटा तैमूर अली खान अभी महज 14 महीने का है, ने इस काम को बहुत संवेदनशीलता के साथ लिया और अपने लेख में लिखा, ‘अगर हम सच में कोशिश करें तो यह काम वाकई बिलकुल भी पेचीदा या मुश्किल नहीं है।’

करीना ने आर्टिकल में लिखा- ‘हर मां जब अपने नवजात बच्चे के साथ शुरुआती दिन बिताती है तो उससे कई बेशकीमती यादों का खज़ाना तैयार होता है, जो ज़िंदगी भर याद रहती हैं क्यूंकि यह दौर एक महिला के लिए न सिर्फ कठिन होता है बल्कि इस दौरान उसे अपनी पूर्णता का भी अहसास होता है।’ अपने निजी अनुभव से उन्होंने लिखा, “मुझे कई लम्बे दिन और लम्बी रातें याद हैं जिनमें मैं ज़्यादा सो नहीं पाती थी। कई दिन बहुत निराशा से भरे होते थे क्यूंकि मैं मैंने अपने रोते बच्चे को शांत करने के लिए अनन्य रूप से कोशिश करती थी। लेकिन कई दिन मुझे परमानंद का अहसाह होता था क्यूंकि मैं उस नयी ज़िंदगी का आनंद ले रही होती थी जिसे मैं इस दुनिया में लाने के काबिल बनी। मैं यह जानकार भौंचक्की रह गयी कि कितनी जल्दी साउथ एशिया में नवजात बच्चे अपना दम तोड़ देते हैं। हम सभी जानते हैं कि नवजात शिशु बहुत नाज़ुक होते हैं और उनके साथ कुछ भी बुरा हो सकता है। लेकिन अपने जीवन का एक महीना पूरा करने से भी पहले रोज़ाना 2,800 नवजात बच्चों का दम तोड़ देना किसी को भी हिलाकर रख देगा। ज़रा सोचिये कि 9 महीने तक एक जान को अपनी कोख में पालना, उसे सींचना, उसे इस दुनिया में लेकर आना और फिर एक महीने से भी पहले अपने सामने उसे दम तोड़ते देखा कितना तकलीफदेह है।”