'अग्रेंजों ने अपनी शर्तों पर छोड़ा भारत' ट्राॅलिंग के बाद भी भीख में मिली आजादी वाले बयान पर अड़ी कंगना रनौत

11/14/2021 2:44:42 PM

मुंबई: बाॅलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने हाल ही में 1947 में देश को मिली आजादी को ‘भीख’ बताया और कहा कि 2014 के बाद असली आजादी मिली। अपने इस बयान के बाद से ही वह आलोचना झेल रही हैं। लगातार हो रही ट्रोलिंग के बाद कंगना ने शनिवार को एक पोस्ट शेयर कर इस पर सफाई दी थी हालांकि इस पोस्ट में भी उनके बोल बिगड़े ही नजर आए थे। उन्होंने कहा कि मेरी बात गलत साबित हुई तो सम्मान वापस करने के साथ माफी भी मांग लूंगी। इस ऐलान के बाद उन्होंने फिर एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर किया है जो खूब वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में कंगना ने  देश के बंटवारे पर सवाल उठाए।  भीख में मिली आजाद वाले बयान पर अड़ी कंगना ने कहा किअग्रेंजों ने अपनी शर्तों पर देश को छोड़ा था।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को लूटने, देश को विभाजित करने, स्वतंत्रता सेनानी को मारने के लिए अग्रेंजों को जिम्मेदार ना ठहराना भी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। कंगना नेने ब्रिटिश मीडिया संस्था बीबीसी के 2015 का एक लेख का स्क्रीनशॉट शेयर किया। कंगना ने लिखा-'यह 2015 में बीबीसी द्वारा प्रकाशित एक लेख है जिसमें तर्क दिया गया है कि ब्रिटेन भारत के लिए कोई  क्षतिपूर्ति नहीं करता है। अब आप बताइए कि ये गोरे उपनिवेशवादी या उनके हमदर्द आज के जमाने में इस तरह की बकवास से क्यों और कैसे दूर हो सकते हैं? अगर आप इसका पता लगाने की कोशिश करते हैं, तो इसका जवाब मेरे टाइम्स नाउ समिट स्टेटमेंट (जहां कंगना ने आजादी भीख वाला बयान दिया था) में है।'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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 देश को दो भागों में विभाजित करने पर अंग्रेंज जिम्मेदार क्यों नहीं 

कंगना ने आगे लिखा-'ऐसा इसलिए कि हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने भारत में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए, हमारे देश के धन को लूटने से लेकर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को बेरहमी से मारने, हमारे देश को दो भागों में विभाजित करने, स्वतंत्रता के समय में किए गए अनगिनत अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।'

अपनी शर्तों पर अंग्रेजों में छोड़ा भारत

अपनी बात जारी रखते हुए कंगना ने कहा- 'द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, अंग्रेजों ने अपनी शर्तों पर भारत को छोड़ दिया। विंस्टन चर्चिल को युद्ध नायक के रूप में उस वक्त सम्मानित किया गया। यह वही व्यक्ति था जो बंगाल के अकाल के लिए जिम्मेदार था। क्या अंग्रेजों द्वारा किए गए अपराधों के लिए स्वतंत्र भारत की अदालतों में कभी उनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था? तो जवाब मिलेगा नहीं।'

विभाजन में मरे 10 लाख लोगों के लिए जिम्मेदार कौन


कंगना ने आगे कहा- 'क्या ब्रिटिश या कांग्रेस जो विभाजन रेखा से सहमत थे विभाजन के बाद हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार नहीं थे? हमारे प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू की तरफ से 28 अप्रैल 1948 को ब्रिटिश सम्राट को एक पत्र लिखा जिसमें भारत के गवर्नर जनरल के रूप में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की नियुक्ति के लिए ब्रिटिश स्वीकृति का अनुरोध किया गया है।यदि ऐसा कोई पत्र मौजूद है तो क्या आप मानते हैं कि कांग्रेस ने अंग्रेजों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह बनाने की कोशिश की? अगर हां, तो कृपया बताएं कि मेरा कहना कैसे गलत है।

 

इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा- 'एक अंग्रेज श्वेत व्यक्ति सिरिल रैडक्लिफ, जो पहले कभी भारत नहीं आया था, केवल 5 सप्ताह में विभाजन की रेखा खींचने के लिए अंग्रेजों द्वारा भारत लाया गया। कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों ही उस समिति के सदस्य थे जिसने अंग्रेजों द्वारा खींची गई विभाजन रेखा की शर्तों को तय किया, जिसका परिणाम ये हुआ कि लगभग 10 लाख लोग मारे गए। अब बताए कि क्या दुखद रूप से मरने वालों को आजादी मिली?'

'स्वतंत्र भारत के लिए अपनी जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को क्या पता था कि ब्रिटिश और हमारे राष्ट्र निर्माता अविभाजित भारत को दो हिस्सों में बांट देंगे जिसके परिणामस्वरूप 10 लाख लोगों का नरसंहार होगा? आखिर में मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहती हूं कि यदि हम भारत में किए गए असंख्य अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराते हैं, तब भी हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों का अनादर कर रहे हैं। जय हिंद।'

 

Content Writer

Smita Sharma