कंगना के खिलाफ जयपुर में शिकायत दर्ज,कहा था-''गांधी जी चाहते थे भगत सिंह को फांसी... दूसरा गाल आगे करने से आजादी नहीं भीख मिलती है''

11/17/2021 10:54:56 AM

मुंबई: बाॅलीवुड एक्टर कंगना रनौत अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहती हैं। हाल ही में 1947 में मिली आजादी को भीख बताने वाली कंगना ने मंगलवार को एक नए विवाद को जन्म देते हुए दावा किया कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी से कोई समर्थन नहीं मिला। उन्होंने कहा कि गांधी जी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो। इतना ही नहीं कंगना ने महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि दूसरा गाल आगे करने से 'भीख' मिलती है न कि आजादी। अब कंगना के खिलाफ राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांग्रेस नेता ने शिकायत दर्ज कराई है। 

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कंगना ने 'इंस्ट्राग्राम' पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर महात्मा गांधी को निशाना बनाया और कहा कि अपने नायकों को समझदारी से चुनो। कंगना ने एक अखबार में छपी एक खबर को शेयर की है जिसकी सुर्खी हैं- 'गांधी, अन्य नेताजी को सौंपने के लिए सहमत हुए थे।' इस खबर में दावा किया गया है कि गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ सहमति बनी थी कि यदि बोस देश में प्रवेश करते हैं तो वे उन्हें सौंप देंगे।'

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रनौत ने अखबार की इस कटिंग के साथ लिखा- 'या तो आप गांधी के प्रशंसक हैं या नेताजी के समर्थक हैं। आप दोनों एक साथ नहीं हो सकते हैं… चुनो और फैसला करो।'

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एक अन्य पोस्ट में रनौत ने दावा किया-'जिन लोगों ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी उन्हें ऐसे लोगों ने अपने आकाओं को सौंप दिया जिनके पास अपने उत्पीड़कों से लड़ने का साहस नहीं था या जिनका खून नहीं खौलता था बल्कि वे चालाक और सत्ता लोलुप थे।'

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इसके बाद उन्होंने गांधी पर निशाना साधते हुए कहा-'इस बात के सबूत हैं कि वह चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी दी जाए। ये वही लोग हैं जिन्होंने हमें सिखाया कि अगर कोई आपको थप्पड़ मारे तो एक और थप्पड़ के लिए दूसरा गाल आगे कर दो और इस तरह आपको आजादी मिलेगी। इस तरह से किसी को आज़ादी नहीं मिलती, ऐसे भीख मिल सकती है। अपने नायकों को बुद्धिमानी से चुनें।'

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इससे पहले कंगना ने बयान दिया था कि देश को असली आजादी 2014 में मिली है। इससे पहले स्वाधीनता गांधीजी को कटोरे में भीख में मिली थी। उन्होंने कांग्रेस को ब्रिटिश शासन के आगे का रूप बताया था।
 


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Content Writer

Smita Sharma


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