कंगना के ट्विटर अकाउंट सस्पेंड की मांग पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा- ''उन्हें भी बोलने का अधिकार है''

12/23/2020 9:21:59 AM

मुंबई: एक्ट्रेस कंगना रनौत पर हाल ही में उनके ट्वीट्स के जरिए दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने के आरोप लगा था। मुंबई के एक वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि कंगना रनौत देश की एकता के लिए खतरा हैं और इनका  ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किया जाए। वहीं अब कंगना के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक्ट्रेस के लिए राहत की खबर सुनाई है।

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हाई कोर्ट ने कहा- 'कंगना को भी अपनी बात रखने का अधिकार है। कंगना का ये मौलिक अधिकार है कि वे अपनी बात खुलकर रख सकती हैं।' इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या सबूत हैं कि कंगना के ट्वीट्स ने उनके मौलिक अधिकारों की क्षति हुई है। देशमुख ने कहा-'मैं एक महाराष्ट्रियन, मुंबईकर हूं और वह अदालत पप्पू सेना को बुलाती है. इससे मुझे पीड़ा होती है और यह एक व्यक्तिगत चोट है। उन्होंने आगे कंगना पर समुदायों के बीच दुश्मनी फैलाने का आरोप लगाया। याचिकाकर्ता ने कहा- फ्री स्पीच और हेट स्पीच में अंतर होता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि मेरी याचिका में यह स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि कंगना के ट्वीट्स ने कितनी बार मेरी निजी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। कंगना रनौत के खिलाफ कई कोर्ट्स में मामले दर्ज हैं। '

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7 जनवरी को होगी दोबार सुनवाई 

याचिका का निपटारा नहीं किया बल्कि इसे अस्पष्ट याचिका से जनहित याचिका में बदलने की मांग की। अब इस मामले पर 7 जनवरी को सुनवाई होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता अली कासिफ खान देशमुख से कहा कि वो 7 तारीख को नए सिरे से अपनी बहस करें। 

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यह है पूरा मामला

बता दें कि दिसंबर महीने की शुरुआत में 4 तारीख को बॉम्बे हाइकोर्ट में कंगना रनौत के खिलाफ एक आपराधिक याचिका डाली गई थी। यह याचिका मुंबई के वकील अली काशिफ खान देशमुख ने दायर की थी। याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया था किकंगना रनौत का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किया जाए। शिकायत में लिखा गया कि कंगना अपने कट्टरवादी विचारों से भरे ट्वीट्स से देश के तानेबाने के साथ खिलवाड़ करती हैं। कंगना ने सुप्रीम कोर्ट को 'पप्पू सेना' बताकर अपमान किया है।


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Smita Sharma


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