''हिंदी भाषा'' के डिबेट मैदान में कूदी कंगना रनौत, बोलीं-''संस्कृत होनी चाहिए राष्ट्रभाषा''

4/30/2022 8:04:26 AM

मुंबई: बाॅलीवुड एक्टर अजय देवगन और कन्नड़ स्टार किच्चा सुदीप की  राष्ट्रभाषा को लेकर की बहस ने एक नई विवाद को जन्म दिया। दोनों स्टार्स के बीच हिंदी बतौर राष्ट्रभाषा को लेकर बहस हुई थी। इस मुद्दे पर आम आदमी से लेकर नेता और स्टार्स सभी ने अपनी राय रखी। वहीं अब बी-टाउन की बेबाक एक्ट्रेस कंगना रनौत भी 'हिंदी भाषा' के डिबेट मैदान में कूदी। कंगना ने कहा अगर मेरे हाथ में होगा तो मैं संस्कृत भाषा को लीगल करूंगी।

दरअसल, बीते दिन कंगना की फिल्म धाकड़ का ट्रेलर लाॅन्च था। इस लाॅन्च के दौरान कंगना से भी इस मुद्दे पर सवाल किया गया। कंगना ने इस सवाल का जवाब अपने जाने-पहचाने अंदाज में दिया। कंगना ने कहा-'जो भी हमारा सिस्टम या सोसायटी है, उसमें कई तरह के लोग हैं। तरह-तरह के कल्चर हैं,रिश्ते हैं,भाषाएं हैं। हर एक का जन्मसिद्ध अधिकार है जैसे कि मैं पहाड़ी हूं तो मैं अपने कल्चर पर और भाषा पर गर्व महसूस करती हूं लेकिन जैसे हमारा देश है वह एक यूनिट है। हमें एक धागा चाहिए जो इसे चला सके। हम सभी को संविधान का सम्मान करना है।

इस संविधान ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाया। तमिल दरअसल में हिन्दी से पुराना है, लेकिन उससे भी पुराना है संस्कृत। अगर आप मेरा बयान पूछना चाहते हैं तो मुझे लगता है कि नैशनल लैंग्वेज संस्कृत होना चाहिए। क्योंकि कन्नड़ से तमिल से लेकर गुजराती से लेकर हिन्दी, सब उसी से आई हुई हैं।'

 

कंगना ने आगे कहा- 'कन्नड़, तमिल से लेकर गुजराती, हिंदी, सब इसी संस्कृत से आई हुई हैं। संस्कृत को न बनाकर हिंदी को क्यों राष्ट्रीय भाषा बनाया, इसका जवाब मेरे पास नहीं है। उस टाइम के लिए गए फैसले हैं लेकिन जब खालिस्तान की मांग होती है जब वो कहते हैं कि हम हिंदी को नहीं मानते हैं। जब युवाओं को भटकाया जाता है तो वो संविधान को नकार रहे होते हैं। वो तमिल का भी एक आंदोलन हुआ था जब वो एक अलग राष्ट्र चाहते थे। जब आप बंगाल रिपब्लिक की मांग करते हैं और आप कहते हैं कि आप हिंदी को मान्यता नहीं देते हैं।

 

तब आप हिंदी को नकार नहीं होते हैं बल्कि आप दिल्ली को सत्ता के एक केंद्र के रूप में नकार रहे होते हैं. इस बात के बहुत सारे लेयर्स (परतें) हैं और जब आप इस पर बात करते हैं तो आपको इन सब बातों का अंदाजा होना चाहिए। जब आप हिंदी को नकारते हैं तो हमारा ये जो संविधान है आप उसे भी और दिल्ली की सरकार (सत्ता) को भी नकार रहे होते हैं। मैं सही हूं या गलत? आप हमारी सरकार को नहीं मानते चाहे हमारा सुप्रीम कोर्ट हो किसी तरह के एक्ट हो चाहे दिल्ली में जो भी सरकार करती है वो हिंदी में करती है ना! चाहे आप देश भी घूम, बाहर भी जाते हैं। जर्मन हो, फ्रेंच हो, स्पेनिश हों वो अपनी भाषाओं पर गर्व करते हैं। नो मैटर हाऊ डार्क द कलोनियन हिस्ट्री इज, फॉर्चुनेटली और अनफॉर्च्युनेटनी अंग्रेजी एक लिंक बन गया है संवाद करने का। क्या अंग्रेजी सभी को जोड़ने वाली भाषा होनी चाहिए? या फिर हिंदी, संस्कृत या फिर तमिल वो जोड़ने वाली भाषा होनी चाहिए? ये हमें तय करना होगा।'

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कंगना ने आखिर में कहा-'तो जो अजय देवगन जी ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है तो उन्होंने यह गलत नहीं कहा। अगर कोई यह कहता है कि कन्नड़ या तमिल भाषा, हिंदी भाषा से भी पुरानी है तो वह भी गलत नहीं है। अगर मेरे हाथ में होगा तो मैं संस्कृत भाषा को लीगल करूंगी। हम क्यों संस्कृत भाषा को नेशनल लैंग्वेज नहीं कर सकते हैं। संस्कृत भाषा को स्कूल में क्यों अनिवार्य नहीं किया जा रहा है  मैं यह बात नहीं जानती।'


बता दें कि कंगना रनौत की फिल्म 'धाकड़' का दमदार ट्रेलर शुक्रवार को रिलीज़ हुआ है। कंगना की इस एक्शन फिल्म में अर्जुन रामपाल, दिव्या दत्ता और शाश्वत चटर्जी के साथ-साथ कई और शानदार कलाकार नजर आने वाले हैं। यह फिल्म 20 मई 2022 को थियेटर्स में रिलीज होगी। 

Content Writer

Smita Sharma