मुस्लिम महिलाओं की नीलामी पर हाई हुआ जावेद अख्तर का पारा, PM मोदी से पूछा-''मैं आपकी चुप्पी से हैरान...क्या यही है सब का साथ''

1/4/2022 10:29:03 AM

मुंबई: मुस्लिम महिलाओं की सौदेबाजी करके एक ऐप इन दिनों विवादों के घेरे में है। नाम है... बुल्ली बाई ऐप। जहां कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करके अपमानित किया जा रहा है। ऐप की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। ऐसा आरोप है कि बुल्ली बाई ऐप पर मुस्लिम महिलाओं के सोशल मीडिया हैंडल से फोटो को डाउनलोड करके नीलामी के लिए पोस्ट किया जाता है और फिर लोगों को मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

अब इस मामले पर अपने तीखे बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले गीतकार एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने अपना रिएक्शन दिया है। जावेद अख्तर ने धर्म संसद और 100 महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी के बारे में ट्वीट कर सरकार से सवाल किया है।

इस ऐप को लेकर जावेद अख्तर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने पीएम मोदी से सवाल किया। उन्होंने लिखा-'सौ महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी हो रही है, तथाकथित धर्म संसद सेना और पुलिस को लगभग 20 करोड़ भारतीयों के नरसंहार की सलाह दे रही है। मैं हर एक की चुप्पी, खास तौर पर प्रधानमंत्री की चुप्पी से हैरान हूं। क्या यही है सब का साथ है?'

इस मामले के खिलाफ दिल्‍ली से लेकर मुंबई तक महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई है। GitHub पर 'Bulli Bai' नाम का ऐप क्रिएट कर उसपर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की फोटोज डाली गईं। फिर उनकी 'बोली' लगाई गई। मामला सामने आने के बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि ऐप बनाने वाले यूजर को GitHub पर ब्‍लॉक कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई पर भी बात चल रही है मगर सवाल यह है कि इंटरनेट पर इस तरह मुस्लिम महिलाओं की 'बोली' लगवा कौन रहा है?

इसी तरह का एक और मामला साल 2020 में सामने आया था।  उस समय Sulli Deal नाम का ऐप चर्चा में था। इस ऐप के जरिए भी मुस्लिम महिलाओं को नीलाम किया जा रहा था।लेकिन अब एक नया विवाद बुल्ली बाई ने खड़ा कर दिया है। आपको बता दें कि बुल्ली बाई ऐप को Github API पर होस्ट किया जाता है। इस ऐप के जरिए कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं की सौदेबाजी होती है।

 

Bulli Bai और Sulli Deals दोनों में ही कोई अंतर नहीं है। इन दोनों ऐप्‍स का मकसद एक ही है मुस्लिम महिलाओं का मानसिक और शारीरिक शोषण करना। दोनों ऐप्‍स के नाम भी मुसलमानों के लिए इस्‍तेमाल किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्‍द हैं। दोनों पर ही मुस्लिम महिलाओं की तस्‍वीरें और डीटेल्‍स अपलोड की गईं। महिलाओं के ट्विटर/इंस्‍टाग्राम/फेसबुक से जानकारियां और पर्सनल फोटो चोरी कर डाली गईं।

Content Writer

Smita Sharma