सोशल मीडिया ने बिगाड़ी जावेद जाफरी की इमेज,बोले-''मुझे पाकिस्तानी और कठमुल्ला का लेबल दिया गया''

5/25/2022 10:58:42 AM

मुंबई: बाॅलीवुड के दिग्गज एक्टर जावेद जाफरी इंडस्ट्री में 38 साल बिता चुके हैं। अपने इस फिल्मी सफर में जावेद जाफरी ने हीरो से लेकर विलेन तक के रोल निभाए। अपने हर किरदार से उन्होंने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई।अक्सर अपने किरदार से लोगों का दिल जीतने वाले जावेद जाफरी को इस बात का दुख है कि सोशल मीडिया ने उनकी छवि बिगाड़ दी। हाल ही में एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में जावेद जाफरी ने विवाद और ट्रोल्स द्वारा लगाए गए आरोपों पर बात की। जावेद जाफरी ने कहा कि सोशल मीडिया ने उन पर 'पाकिस्तानी' और 'देशद्रोही' होने का लेबल लगा दिया। यहां तक कि उन्हें 'कठमुल्ला' तक बुलाया गया। 

 

इंटरव्यू में जावेद जाफरी ने कहा-'मुझ पर सोशल मीडिया ने लेबल लगा दिया। देशद्रोही, पाकिस्तानी, (पाकिस्तानी तो एक बहुत ही गंदा लफ्ज बन गया है। भाई ठीक है, वो भी एक मुल्क है) कठमुल्ला जैसे लफ्जों से बुलाया गया। देखिए नफरत फैलाने वाले ये जो लोग हैं इनकी तादाद बहुत कम है मगर ये जोर से ढोल पीट रहे हैं, तो इनकी आवाज बहुत ज्यादा लगती है। हमारे पूरे हिंदुस्तान के लोग बहुत प्यारे और समझदार हैं। ये सोशल मीडिया वाले कितने हैं? पांच लाख, पचास लाख? भाई हमारे देश की 136 करोड़ की आबादी है हालांकि मुझे तो मेरे पिता जगदीप (जाने-माने लेजेंड काॅमेडियन जगदीप) के नाम से भी ट्रोल किया गया कि नाम बदलकर तुम लोगों ने कमाई खाई।

असल में काफी गंदी सोच वाले लोग हैं ये। मेरे पिता तो उनके वालिद की मौत के बाद मात्र 7 साल की उम्र में इंडस्ट्री में आ गए थे और उस वक्त उनके फादर फिगर गुरु दत्त, बिमल रॉय, के आसिफ साहब, वी शांताराम साहब, महबूब खान साहब सरीखे लेजेंड थे। अपने इन्हीं सीनियर्स से उन्हें सिनेमा की सोच मिली।'

उन्होंने आगे कहा-'मेरे फादर अपने मुल्क से बहुत प्यार किया करते थे। मुझे भी अपने देश से बहुत प्यार है। ऐसा मुल्क आपको कहां देखने मिलेगा जहां इतने मजहब, इतनी भाषाएं और इतनी संस्कृतियां हों। हमारी जितनी विविधता दुनिया में और कहीं देखने को नहीं मिलेगी। इतनी डायवर्सिटी के बावजूद हम लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढे। एक-दूसरे के धर्म की इज्जत करना हम सभी की जिम्मेदारी बनती है। ये समझने की जरूरत है कि धर्म को लेकर आपका फेथ भले ही अलग हो, मगर जब आप सड़क पर आते हैं, तो आपको एक ही कानून का पालन करना पड़ता है। खून की सजा तो सभी के लिए एक ही है, तो क्लैश कहां है? इतना ही न कि आप मंदिर जाते हो और मैं मस्जिद में। मगर राजनीति तो धर्म के आधार पर ही चल रही है इसलिए हम लोग अब तक यहीं अटके हैं। हमें एजुकेशन, प्रोग्रेस और साइंस की बात करनी होगी।'


काम की बात करें तो जावेद जावरी इन दिनों अपनी नई सीरीज 'एस्केप लाइव' को लेकर चर्चा में हैं। इससे पहले वह अक्षय कुमार की फिल्म सूर्यवंशी में नजर आए थे। 

Content Writer

Smita Sharma