इरफान की याद में बेटे बाबिल ने शेयर किया पोस्ट, बोले 'मेरे पिता ने तरक्की के लिए पूरी जिंदगी लगा दी'
7/9/2020 11:03:07 AM

बॉलीवुड तड़का टीम. एक्टर इरफान खान के निधन को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। एक्टर निधन से उनके चाहने वालों को गहरा सदमा लगा है। आज भी एक्टर की यादों का सिलसिला जारी है। हाल ही इरफान के बेटे बाबिल ने सोशल मीडिया पर अपने पिता को याद करते हुए एक तस्वीर शेयर की है और लंबा चौड़ा पोस्ट भी लिखा है।
बाबिल ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ''क्या आप जानते हैं फिल्म स्कूल जाने से पहले मेरे पिता ने मुझे एक सिनेमा के छात्र होने के नाते सबसे ज़रूरी चीज़ क्या सिखाई? उन्होंने मुझे चेतावनी दी थी कि मुझे खुद को साबित करना होगा, क्योंकि विश्व सिनेमा में बॉलीवुड को शायद ही कभी इज़्ज़त मिले और इस वक्त मुझे भारतीय सिनेमा के बारे में सब जान लेना चाहिए, जो कि हमारे नियंत्रित बॉलीवुड से परे है। दुर्भाग्य से ये हुआ।''
बाबिल ने अागे लिखा, ''बॉलीवुड का सम्मान नहीं था, 60 से लेकर 90 के दशक के भारतीय सिनेमा या नज़रिए की विश्वसनीयता के बारे में कोई जागरूकता नहीं थी। वहां वर्ल्ड सिनेमा सेगमेंट में 'बॉलीवुड और बियॉन्ड' नाम से मुश्किल से एक लेक्चर था। सत्यजीत रे और के. आसिफ के असली भारतीय सिनेमा के बारे में एक समझदारी भरी चर्चा करना भी मुश्किल था। आपको पता है ये क्यों था? क्योंकि हमनें एक भारतीय दर्शक होने के नाते विकसित होने से इनकार कर दिया।''
''मेरे पिता ने अपने जीवन की शुरुआत में मुश्किल हालातों में भी अभिनय कला की तरक्की के लिए अपनी पूरी ज़िंदगी लगा दी। लगभग उनका पूरा सफर, बॉक्स ऑफिस के सिक्स पैक्स एब्स से, सिनेमाघरों में डायलॉग से और हकीकत को झुठलाने और फिज़िक्स के नियमों को गलत साबित करने वालों से, फोटोशॉप्ड आइटम सॉन्ग से और बेइंतेहा सेक्सिज़्म से और पितृसत्ता की वही-पुरानी पारंपरिक नुमाइंदगी से हार गया।''
''क्योंकि हम एक दर्शक के रूप में चाहते है कि हमें आनंद मिले। हम ये चाहते है कि मनोरंजन और सुरक्षा मिले। अब एक बदलाव है, हवा में एक नई खुशबू है। एक नौजवान एक नया अर्थ खोज रहा है। हमें जमीन पर खड़े रहना चाहिए। जब बाल कटवाने के बाद कल्कि को लड़के की तरह दिखने के लिए ट्रोल किया गया था तो एक अजीब से एहसास ने घेर लिया था, वो क्षमता को नाश कर देने वाला था।''
बाबिल ने लिखा, ''अब सुशांत की मौत को लोगों ने एक पॉलिटिकल मुद्दा बना दिया है, लेकिन अगर हम कुछ सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं, तो यही वक्त है इसे अपनाइये।''
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