''मनुस्मृति पढ़ें, 17 साल में बच्चे को जन्म देना सामान्य था..गुजरात HC की इस टिप्पणी पर जावेद अख्तर ने जताई हैरानी, किया ये ट्वीट

6/9/2023 1:58:48 PM

बॉलीवुड तड़का टीम. गुजरात हाईकोर्ट की एक मौखिक टिप्पणी की इन दिनों खूब चर्चा हो रही है। गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस समीर जे. दवे की खंडपीठ ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि पहले के समय में 14-15 साल की लड़कियों के लिए शादी करना और 17 साल की होने से पहले ही बच्चे को जन्म देना सामान्य था। उन्होंने इसके लिए मनुस्मृति का हवाला दिया। हाईकोर्ट की इस टिप्पणी पर अब बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।


जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा-गुजरात उच्च न्यायालय के एक जज ने 17 साल से कम उम्र की रेप पीड़िता को ज्ञान दिया कि मनुस्मृति के अनुसार यह सही है कि लड़की 17 साल की उम्र में मां बन जाए। मुझे आश्चर्य है, राष्ट्रीय महिला आयोग इस बारे में क्या कहना चाहेंगी।

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जावेद का ये ट्वीट खूब पढ़ा जा रहा है और यूजर्स कमेंट कर इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं।

क्या है मामला
दरअसल, 17 साल की एक लड़की के साथ रेप हुआ था। जब वह 7 महीने की प्रेग्नेंट हो गई तो उनके पेरेंट्स को पता चला। इस मामले में नाबालिग के पिता की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दी गई थी कि अभी वे यह सब नहीं संभाल सकती इसलिए अबॉर्शन की इजाजत दी जाए। पीड़ित पक्ष की तरफ से वकील ने प्रेग्नेंसी के मेडिकल टर्मिनेशन पर जोर दिया। इस केस में दायर याचिका को लेकर जस्टिस समीर जे. दवे ने मौखिक रूप से कहा कि 'पुराने समय में यह सामान्य बात थी कि लड़कियों की शादी 14-15 साल की उम्र में हो जाती थी, वे 17 साल की उम्र तक एक बच्चे की मां बन जाती थीं। आपने नहीं पढ़ा होगा, लेकिन आपको इसके लिए एक बार मनु स्मृति पढ़नी चाहिए। 

 

 

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suman prajapati