MOVIE REVIEW: धोखेबाज पत्नी से जबरदस्त बदले की शानदार कहानी है ‘ब्लैकमेल’

4/6/2018 3:55:28 PM

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर इरफान खान की फिल्म 'ब्लैकमेल' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म को अभिनव देव ने डायरैक्ट किया है। इरफान के अलावा फिल्म में उनके साथ कीर्ति कुल्हाड़ी, अरुणोदय सिंह, दिव्या दत्ता भी लीड रोल में हैं।
 

कहानी

फिल्म की कहानी देव यानी इरफान खान से शुरु होती है। एक टॉयलेट पेपर सेल्समैन का काम करने वाले देव की लाइफ बहुत बोरिंग होती है उसकी शादीशुदा लाइफ में भी कोई रोमांस नहीं होता है। ऐसे में एक दिन देव जल्द जाकर पत्नी रीना (कीर्ति कुल्हाड़ी) को सरप्राइज देने की सोचता है। वो काम से जल्‍दी छूटता है और पत्‍नी के लिए गुलाब का गुलदस्‍ता लेकर घर जाता है। वो देखता है कि बेडरूम में उसकी पत्‍नी अपने ब्वॉयफ्रेंड रंजीत(अरुणोदय सिंह) के साथ है। सारी चीजें देखने के बाद देव पत्नी को ब्वॉयफ्रेंड को ब्लैकमेल करने की प्लानिंग रच डालता है। ऐसे में रंजीत अपनी पत्नी दिव्या दत्ता से मदद मांगता है और पैसे निकलवाने की कोशिश में लग जाता है। दिव्या फिल्म में गैंगस्टर की बेटी बनी हैं वे अपने पति के कुत्ते की तरह ट्रीट करती हैं। कहानी में रीना और रंजीत पैसों की जुगाड़ लगाने की कोशिश करते हैं और बात इतनी उलझ जाती है कि एक शख्स का मर्डर भी हो जाता है हालांकि कहानी के अंत में इरफान को पैसे मिलते हैं या नहीं ये आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा।

एक्टिंग

एक्‍ट‍िंग की बात करें तो इरफान ने एक सेल्समैन और घरेलू पति वाले रोल में शॉलिड परफॉर्मेंस दी है। उनकी ब्लैकमेल की प्लानिंग, एक्शन सीन्स को देखकर हंसी आती है। वहीं अरुणोदय सिंह काफी गुस्‍सैल रोल में दिखे हैं जो कि जबरदस्त उनपर फिट होता है। बीच-बीच में दिव्या भी एंटरटेन करती हैं। वहीं कीर्ति ने भी अपना रोल अच्‍छे से निभाया है।


डायरैक्शन

फिल्‍म का फर्स्‍ट हाफ थोड़ा धीमा है। प्‍लॉट सेट होने में टाइम लगता है लेकिन इसके बाद का ह्यूमर काफी एंटरटेनिंग है। दूसरे हाफ में हंसी आती है जैसे-जैसे हर प्‍लॉट खुलता है, सीन्स और भी मजेदार होते जाते हैं। डायरैक्टर अभिनव देव ने 'डेल्ही बैली' के बाद एक बार फिर इस कॉमिक जॉनर में हाल आजमाया है जो कि काफी मजेदार है। फिल्म में एक सिचुएशनल ह्यूमर है। क्‍वीन और बजरंगी भाईजान के राइटर परवेज शेख ने बड़े ही बढ़िया तरह से लिखा है। वहीं फिल्म के सींस को भी कॉमिक तरह से प्रिजैंट किया गया है। देखा जाए को ओवरऑल ब्‍लैकमेल का ह्यूमर और प्रैजेंटेशन बेहतरीन है।

म्यूजिक

फिल्म का म्यूजिक अमित त्र‍िवेदी ने दिया है। जो कि कहानी के साथ-साथ चलता है और सीन्स पर फिट बैठता है। इसका एक का गाना 'सटासट' की टाइमिंग और पॉजीशन काफी मेच होती है।


 

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