Exclusive interview : भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुहिम है ‘रेड’

3/12/2018 10:25:33 AM

नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन अपनी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म ‘रेड’ को लेकर चर्चा में हैं। बेखौफ इनकम टैक्स ऑफिसर का किरदार निभा रहे अजय इस फिल्म में अपनी टीम के साथ कालाधन रखने वालों पर छापा मार रहे हैं और हर उस कोने को तलाश रहे हैं, जहां कालाधन होने की संभावना हो सकती है। अजय के साथ अभिनेत्री इलियाना डीक्रूज मुख्य भूमिका में हैं।

दोनों दूसरी बार पर्दे पर रोमांस करते दिखेंगे। इससे पहले ‘बादशाहो’ में दोनों साथ काम कर चुके हैं। फिल्म में सौरभ शुक्ला निगेटिव किरदार में हैं। 16 मार्च को रिलीज हो रही इस फिल्म का निर्देशन राजकुमार गुप्ता ने किया है, जबकि भूषण कुमार, कुमार मंगल पाठक, अभिषेक पाठक और कृष्ण कुमार फिल्म के निर्माता हैं। फिल्म प्रमोशन के लिए दिल्ली  पहुंचे अजय और इलियाना ने  पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स के साथ खास बातचीत की। पेश है मुख्य अंश :  

 

-  फिल्म की कहानी : अजय देवगन

मुझे फिल्म की कहानी बहुत पसंद आई। यह वास्तविक घटनाओं पर आधारित है। फिल्म लखनऊ एवं रायबरेली में ही शूट की गई है और इसकी कहानी के केंद्र में 1980 का उत्तर प्रदेश है। इसकी कहानी उस दौर में हुई एक हाई प्रोफाइल इनकम टैक्स ‘रेड’ पर आधारित है।


इसमें मेरा किरदार अमय पटनायक का है, जो इनकम टैक्स ऑफिसर है और अपनी टीम के साथ कालाधन जमा करने वालों पर छापा मारता है। छापे के दौरान हम हर उस कोने को तलाशते हैं, जहां कालाधन होने की संभावना हो सकती है।

-  भ्रष्टाचार रोकने के लिए जरूरी है महिलाओं का साथ

सबको लगता है कि भ्रष्टाचार को रोकने का काम सिर्फ पुरुषों का है, पर सच तो यह है कि इस मुहिम में महिलाओं (पत्नी, बहन और बेटी) का साथ अपेक्षित होता है। खासकर बड़े ओहदे के अधिकारी की पत्नी का बहादुर होना बहुत जरूरी है। दरअसल, जो व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा होता है उसके बहुत से दुश्मन होते हैं, जो उसको और उसके परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं और यही सब उसके घर में पत्नी, बहन और बेटी को भी झेलना पड़ता है इसलिए उनका बहादुर होना आवश्यक है।

-  सिर्फ मेरा जादू नहीं 

मैं हमेशा सुनता हूं कि फिल्मों में मैं कुछ ऐसा जादू कर देता हूं कि वह सुपरहिट हो जाती है  लेकिन मैं ये बताना चाहता हूं कि सभी फिल्मों में सिर्फ मेरा जादू नहीं होता, बल्कि एक लेखक, निर्देशक और निर्माता का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। उनके बिना फिल्म अधूरी होती है। मैं फिल्मों का चुनाव कहानी, किरदार और निर्देशक को ध्यान में रखते हुए करता हूं।


-  सबको पसंद आ रहे हैं गाने 

मुझे शुरू से अच्छे गाने बेहद पसंद आते हैं। ‘नित खैर मंगा सोणिया मैं तेरी’ और ‘सानू इक पल चैन न आवे’ दोनों ही रीक्रिएटेड वर्जन है और फिल्म के सभी गाने लोगों को बेहद पसंद आ रहे हैं।

- बनती रहेंगी बड़ी फिल्में 

फिल्मों का फ्यूचर डिजिटल वल्र्ड है, ऐसे में छोटी फिल्मों का आगे बढऩा और कम बजट की फिल्मों का आगे आना जरूरी है। मेरा मानना है कि बड़ी फिल्में हमेशा बनती रही हैं और बनती रहेंगी। छोटे बजट की फिल्मों का भी बाजार है मगर बड़ी फिल्मों का बाजार कभी खत्म नहीं होगा।

वैसे भी आजकल कलाकार फिल्मों की फीस से पैसे नहीं बनाते हैं, वे फिल्म की रॉयल्टी या पार्टनरशिप से ही पैसे बनाते हैं और यह तय है कि वह कभी भी खत्म नहीं होगा। 


-  काफी दिलचस्प है मेरा किरदार : इलियाना डीक्रूज

इस फिल्म में भले ही मेरा किरदार बहुत लंबा नहीं है, लेकिन काफी दिलचस्प है। इसमें मेरा किरदार एक इनकम टैक्स ऑफिसर की पत्नी का है, जो समझदार है, अपने दिल से बात करती है और पति की ताकत है।