Exclusive Interview: अंदर तक हिला कर रख देगी फिल्म ''लव सोनिया''

9/19/2018 11:26:37 AM

मुंबई: चाइल्ड ट्रैफिकिंग पर आधारित फिल्म 'लव सोनिया' 14 सितंबर को रिलीज हो गर्इ है। फिल्म का लर आते ही इंटरनेट पर वायरल हो गया था। फिल्म ‘लव सोनिया’ एक गांव की लड़की की चौंकाने वाली कहानी है, जिसकी जिंदगी उथल-पुथल और अपरिवर्तनीय ढंग से बदल जाती है जब वह अपनी बहन को बचाने के प्रयास में देह व्यापार में फंस जाती है। सच्ची घटना पर आधारित फिल्म को लोगों ने खूब पसंद किया है। 

फिल्म में ऋचा चड्ढा, फ्रीडा पिंटो, मनोज वाजपेयी, राजकुमार राव, अनुपम खेर, आदिल हुसैन, सांई तमहंकर, सन्नी परवार, डेमी मूरे और मार्क डुप्लास अहम भूमिकाओं में हैं।  हाल ही में फिल्म की पूरी टीम फिल्म प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे। इस दौरान फ्रीडा, ऋचा, मृणाल सहित निर्देशक तबरेज नूरानी ने नवोदय टाइम्स/ पंजाब केसरी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की और फिल्म से जुड़ी कई बातों को शेयर किया। 

 

फिल्म में दिखेगी 15 साल की मेहनत: तबरेज नूरानी 

इस फिल्म पर मैं 15 साल से रिसर्च कर रहा था और 10 साल से फिल्म बनाने की सोच रहा था। मैंने इस फिल्म के लिए भारत के अलावा पूरी दुनिया में सेक्स रैकेट, वेश्यालयों और वूमेन ट्रैफिकिंग पर रिसर्च किया। यहां तक कि मैं बहुत से एनजीओ में गया इसके अलावा सेक्स वर्कर्स से भी मिला। उसके बाद कहानी लिखी, जिससे किसी भी तरह की कोई कमी न रह जाए। फिल्म के दौरान हमने हर छोटी से छोटी चीज कॉस्ट्यूम से लेकर मेकअप पर ध्यान दिया है।

 

 

खुद के लिए आवाज उठाने का मैसेज 
 
यह फिल्म सिर्फ सेक्स रैकेट और वूमेन ट्रैफिकिंग पर ही आधारित नहीं है बल्कि यह सिखाती है कि अगर आपके साथ कुछ गलत हो रहा है तो आवाज उठानी चाहिए। यह फिल्म हमारे अंदर जागरुकता लाती है कि कुछ गलत होने से पहले आप किस तरह से सजग हो जाएं।

 

10 साल पहले पढ़ी थी स्क्रिप्ट: फ्रीडा पिंटो

मैंने इस फिल्म की कहानी 10 साल पहले पढ़ी थी। दरअसल, तबरेज ने 'स्लमडॉग मिलेनियर' फिल्म खत्म होने के बाद मुझे इसकी स्क्रिप्ट दी थी। मैंने स्क्रिप्ट पढ़ते ही तुरंत हां बोल दिया था। ये एक रिसर्च बेस्ड फिल्म है, इस तरह की फिल्मों को बनाने में समय लग जाता है। हमारी फिल्म के निर्देशक तबरेज अपने रिसर्च वर्क के लिए ही मशहूर हैं। उन्होंने फिल्म में हर एक किरदार को पूरी तरह से खंगाला है।

 


पहली बार कर दिया था इंकार: ऋचा चड्ढा

ऋचा बताती हैं कि मैंने इस फिल्म में सेक्स वर्कर का किरदार निभाया है। जब मैंने पहली बार इस फिल्म की कहानी पढ़ी तो मैंने मना कर दिया था, दरअसल मुझे कहानी तो अच्छी लगी थी लेकिन मुझे लगा कि इस फिल्म में काम करना अश्लील न हो जाए। इस वजह से मैंने तबरेज को मना कर दिया तब मैंने सोचा कि अरे ये तो (निर्देशक) मेरे पीछे ही नहीं पड़े, एक बार मना करने पर मान गए। लेकिन अब मैं कहना चाहूंगी कि हम सबको इस फिल्म के लिए जोड़ने का श्रेय सिर्फ तबरेज को जाता है। 

मनोवैज्ञानिक की मदद लेनी पड़ी

मैं इस फिल्म के किरदार में इतना घुस गई थी कि मैं परेशान रहने लगी। इस फिल्‍म ने मुझे अंदर तक झंकझोर के रख दिया था। फिल्म की शूटिंग करने के बाद मैं घर आकर माइंड फ्रैश करने के लिए कार्टून्स और कॉमेडी शो देखती थी। यहां तक कि मुझे मनोवैज्ञानिक की मदद भी लेनी पड़ी। मुझे इस बात ने अंदर तक हिला दिया कि एक इंसान दूसरे इंसान के साथ किस हद तक ऐसी हरकत कर सकता है।

 

सेक्स ट्रैफिकिंग नहीं जानती थी: मृणाल ठाकुर

ज्यादातर अभिनेत्रियां स्क्रीन पर सुंदर और ग्लैमरस दिखना चाहती हैं, लेकिन मैंने इस तरह का किरदार चुना जिसमें मेरा किरदार काफी डार्क है। सच कहूं तो मैं मर रही थी कुछ काम करने के लिए। मुझे सेक्स ट्रैफिकिंग के बारे में कुछ नहीं पता था। ये बहुत मुश्किल भी था। मैंने बहुत मेहनत की अपने किरदार को गहराई से जानने के लिए। मैं कोलकाता के रेड लाइट एरिया में गई जिससे ग्राउंड लेवल पर चीजों को जान सकूं।

 

अब किसी ऑडिशन की जरूरत नहीं

इस फिल्म में काम करने के लिए मैंने अपने मां- बाप को बड़ी मुश्किल से मनाया। वो मुझे इस तरह का किरदार करने के लिए मना कर रहे थे, लेकिन जब मैंने उन्हें विश्वास दिलाया और समझाया तो वे मान गए। अब तो आलम ये है कि मेरी मां ने मुझे इस फिल्म को देखने के बाद कहा कि इस किरदार को निभाने के बाद से तुम्हें अब किसी फिल्म के लिए ऑडिशन देने की जरूरत नहीं है।

Neha