Exclusive Interview: सोशल मीडिया के ‘छिछोरेपन’ का राज खोलती है ‘ड्रीम गर्ल’

9/10/2019 11:41:26 AM

नई दिल्ली। बॉलीवुड (Bollywood) में लगातार कंटेंट बेस्ड फिल्मों का ट्रेंड बढ़ रहा है। इसी ट्रेंड का एक अहम हिस्सा या यूं कहें फेस ऑफ एक्सपेरिमेंटल सिनेमा माने जाने वाले आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) फिर से एक बार अपने आऊट ऑफ द बॉक्स कॉन्सेप्ट के साथ सभी को चौंकाने के लिए तैयार हैं।

‘विक्की डोनर’, ‘शुभ मंगल सावधान’ और ‘बधाई हो’ के बाद अब 13 सितम्बर को उनकी फिल्म ‘ड्रीम गर्ल’ (Dream Girl) रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म में उनके साथ नजर आएंगी ‘प्यार का पंचनामा’ और ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ जैसी फिल्मों से धमाल मचा चुकी नुसरत भरूचा (Nushrat Bharucha)। यह फिल्म इंस्पायर्ड है सोशल मीडिया से जहां कई लड़के किसी लड़की के नाम की फेक प्रोफाइल बनाकर उसका इस्तेमाल करते हैं।

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फिल्म की कहानी है ड्रीमगर्ल सपना की, जो एक लड़का है लेकिन कॉल सेंटर में लड़की की आवाज में लोगों से बात करता है। इस फिल्म से राज शांडिल्य (Raaj Shaandilyaa) बॉलीवुड में बतौर निर्देशक अपना डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म का प्रमोशन करने दिल्ली पहुंचे आयुष्मान और नुसरत ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।

 

‘रियल लाइफ से रिलेट करती है फिल्म’ आयुष्मान खुराना
फिल्म का किंग इसका कंटेंट है जो रियल लाइफ से काफी रिलेट करता है। राइटर ने बहुत अच्छी व फनी स्क्रिप्ट लिखी है। हमारे देश में ऐसा होता रहा है कि लड़के फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं और लड़की बनकर बात करते हैं। पूजा का कैरेक्टर भी वहीं से लिया गया है। इस रोल को और बेहतर बनाने के लिए राज ने खुद मुझे एक लड़की की तरह बात करके दिखाया।

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महिला का किरदार करके अलग इंसान बन गया हूं मैं
स्क्रीन पर एक महिला का किरदार निभाकर लगा जैसे मैंने खुद को एक बार फिर से समझा है। इस किरदार को निभाने के बाद मैं एक अलग इंसान बन चुका हूं। इस फिल्म को करने के बाद महिलाओं की और भी ज्यादा इज्जत करने लगा हूं मैं।

चुनता हूं वो स्क्रिप्ट जो दूसरे करने से बचते हैं
मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि ऐसी फिल्में करूं जो बाकी फिल्मों से अलग हो, जिन कॉन्सेप्ट पर अब तक काम नहीं किया गया हो उनपर काम करूं। ये इत्तेफाक है कि जिस तरह की स्क्रिप्ट मैं ढूंढता हूं वैसी ही स्क्रिप्ट मेरे पास आ जाती है। मुझे खुशी है कि मुझे बहुत ही अलग कॉन्सेप्ट पर आधारित फिल्में मिल रही हैं। ये ऐसी स्क्रिप्ट्स होती हैं जो कई एक्टर्स करना पसंद नहीं करते लेकिन वो मेरे लिए काफी रोचक होती हैं। एक एक्टर के तौर पर ऐसी फिल्मों से मुझे प्रेरणा मिलती है।

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गर्लफ्रैंड से बात करने के लिए लड़की की आवाज में करता था कॉल
इस रोल को प्ले करने में मेरे पर्सनल एक्सपीरियंस काफी काम आए। जब मैं रेडियो जॉकी था तब इस तरह के प्रैंक कॉल किया करता था। उसके अलावा जब मेरी पहली गर्लफ्रैंड थी तब जब मैं उसे कॉल करता था तब उसके पापा फोन उठाते थे, उस वक्त उससे लंबी बात करने के लिए मुझे लड़की की आवाज में बात करना पड़ता था।

समझने लगा हूं बॉलीवुड का गणित
मेरी फिल्म ‘विक्की डोनर’ मेरे लिए बॉलीवुड में हनीमून पीरियड थी। पहली फिल्म थी जो सुपरहिट हो गई, उस वक्त लगा सब सही चल रहा है। लेकिन उसके बाद कई ऐसी फिल्में लगातार आईं जो हिट नहीं हुईं। गलतियों से काफी सीखा है। एक बेहतर इंसान भी बना हूं। पहले मुझे फिल्म का बिजनेस समझ में नहीं आता था लेकिन अब बॉलीवुड का गणित समझने लगा हूं। अब मैं मार्केटिंग व पी.आर. का भी हिस्सा बन चुका हूं। इस इंडस्ट्री में आपका सिर्फ क्रिएटिव पर्सन होना ही जरूरी नहीं होता, बॉलीवुड का गणित भी समझना पड़ता है।

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शाहरुख खान के कारण ज्वाइन किया जर्नलिज्म
मुझे लगता है कोई भी एक्टर बन सकता है, जरूरी है आप खुद को समझें, स्वीकार करें और कॉन्फिडेंस लाएं। अगर आपने ये कर लिया तो आप एक्टिंग कर सकते हैं। मैं बॉलीवुड में शाहरुख खान से बहुत ही ज्यादा प्रेरित था और हूं। उनके कारण मैंने जर्नलिज्म ज्वाइन किया था। उनको देखकर हमेशा सोचता था कि मैं एक इंटेलिजेंट एक्टर बनूंगा।

 

स्क्रिप्ट सुनकर 1 घंटे तक हंसती रही : नुसरत
अक्सर मेरे पास ऐसी ही स्क्रिप्ट आती है जिसमें मुझे वो करना पड़ता है जो बाकी लड़कियां नहीं करती हैं। जब फिल्म के डायरेक्टर राज ने मुझे स्क्रिप्ट सुनाई तो उस एक घंटे में मैं सिर्फ और सिर्फ हंसती रही। ये स्क्रिप्ट इतनी अच्छी और कॉमिक थी कि मुझे इस फिल्म के लिए हां करने में सिर्फ 15 मिनट लगे और आखिरकार फिर मैं एक ड्रीमगर्ल की ड्रीमगर्ल बनने के लिए तैयार हो गई।

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लंबे समय बाद अच्छी लड़की का किरदार
इस फिल्म में काम करने की सबसे खास बात यह थी कि पहली बार मुझे एक पॉजिटिव और अच्छी लड़की का रोल प्ले करने का मौका मिला है। अब तक दर्शक मुझे ग्लैमरस रोल में देखते आए हैं लेकिन इस बार मैं एक छोटे शहर की लड़की के रोल में नजर आ रही हूं। यह रोल मेरे पहले के किरदारों से काफी अलग था जिसके कारण यह मेरे लिए काफी एक्साइटिंग रहा।

स्किल्स को बेहतर बनाते हैं आयुष्मान
आयुष्मान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कोई भी शॉट करने के बाद वो कैमरे पर उसे देखते हैं और एनालाइज करते हैं कि उससे बेहतर वो और क्या कर सकते हैं। वो लगातार अपने शूट किए हुए शॉट के बारे में सोचते रहते हैं। अपने एनालिसिस के बाद आयुष्मान वो एंगल निकाल लेते हैं जो कई बार हम नहीं सोच पाते। यह बहुत ही अच्छी बात है कि वो अपने स्किल्स को और भी बेहतर बनाते रहते हैं।


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Chandan


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