मूवी रिव्यूः कॉमेडी का फुल तड़का है आयुष्मान की 'ड्रीम गर्ल'

9/13/2019 12:53:01 PM

बॉलीवुड तड़का डेस्क.  एक छोटे से शहर में  कॉल सेंटर हैं, जिसमें महिलाएं काम करती हैं और यहां बैठकर स्वेटर बुनते हुए भी दिखाई देती हैं। कॉल सेंटर से फोन करने वाली महिलाओं की आवाज मोहक होती है और दूसरी तरफ रिसीवर उठाने वाला पुरुष काम वासना वाली बातें कर खुश होता है। डायरेक्टर राज शांडिल्य ने एक जटिल कहानी को बहुत ही सरल तरीके से प्रस्तुत करने की कोशिश की है, जिसमें प्रफुल्लित करने वाला स्वच्छ कॉमेडी का तड़का है।   

इसमें एक शिक्षित, लेकिन बेरोजगार करमवीर सिंह (आयुष्मान खुराना) एक दोस्त के कॉल सेंटर में जाता है, जो महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। करमवीर में एक खास गुण है कि वह महिलाओं की तरह मोहक आवाज निकालने में माहिर है। ऐसे में  शहर में होने वाले स्थानीय नाटकों में पैसा कमाने के लिए वह राधा और सीता के किरदार भी निभा लेता है। करमवीर के इसी हुनर को देखकर उसे कॉल सेंटर में पूजा के रूप में नौकरी मिल जाती है। अपनी मधुर आवाज के कारण देखते ही देखते करमवीर उर्फ पूजा जल्द ही पुरुषों के बीच मशहूर हो जाती है और उसके चाहने वालों की लंबी लाइन लग जाती है। पूजा के दीवानों में पुलिस अधिकारी (विजय राज) से लेकर एक  ब्रह्मचारी महिंदर  (अभिषेक बनर्जी) तक उसके दीवाने बन जाते हैं। लेकिन मुश्किल तब हो जाती हैं जब सब पूजा को अपनी बनाना चाहते हैं।  

 राज शांडिल्य की ड्रीम गर्ल वन-लाइनर्स चुटकुलों से भरपूर  विशाल कॉमेडी फिल्म है। लेकिन इसमें बहुत ज्यादा हास्य होने के कारण फिल्म की कहानी आगे ही नहीं बढ़ पाती। एक दिलचस्प आधार के बावजूद, ड्रीम गर्ल मूल विचार से जुड़ने में विफल रहती है। दर्शकों को लगता है कि वह पिछले 137 मिनट से कोई कॉमेडी शो देख रहे हैं, जिसमें कहानी नदारद है।  

फिल्म की शुरुआत एक आशाजनक मैसेज के साथ शुरू होती है, लेकिन सैकेंड हॉफ तक पहुंचते-पहुंचते इसमें इतने सारे कैरेक्टर आ जाते हैं कि यह अपनी कहानी से भटक जाती है।   हालांकि, आयुष्मान खुराना और अन्नू कपूर ने अपनी शानदार एक्टिंग से एक बार फिर विक्की डोनर की यादें ताजा कर दीं। इन दोनों की एक्टिंग के कारण फिल्म आपको ऊबाऊ नहीं लगती। 

 

आयुष्मान के साथ एक्ट्रेस नुशरत भरूचा का रोमांस इंटरेस्टिंग है। एक कैमियों की रूप में यह जोड़ी अच्छी लगती है। 

Smita Sharma