मधुबाला के प्यार में पागल थे दिलीप कुमार, ऐसे टूटा था रिश्ता

12/11/2017 1:13:23 PM

मुंबई: प्रख्यात अभिनेता व ट्रैजेडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार आज 95 साल के हो गए हैं।   इ मौके को खास बनाने के लिए उनकी पत्नी सायरा बानो ने उनकी पसंदीदा बिरयानी और वनीला आइसक्रीम बनाने का फैसला किया है। बानो ने कहा कि वह इस बार जन्मदिन का जश्न मनाने की योजना नहीं बना रहीं क्योंकि कुमार अब भी निमोनिया के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। 

आज चाहें दोनों की जोड़ी खूब पंसद की जा रही है लेकिन एक समय था जब दिलीप साहब  अभिनेभी मधुबाला के प्यार में पूरी तरह गिरफ्त थे। 

1951 में दिलीप कुमार और मधुबाला ने फिल्म तराना में एक साथ काम किया लेकिन दिलीप कुमार को ये खबर ना थी कि मधुबाला दिल ही दिल में दिलीप कुमार से प्यार करने लगी थीं और फिल्म तराना की शूटिंग के दौरान मधुबाला ने अपनी करीबी मेकअप आर्टिस्ट के हाथों दिलीप कुमार को एक ख़त भेजा...ख़त के साथ एक लाल गुलाब भी था. उर्दू में लिखे हुए इस ख़त में मधुबाला ने लिखा था, “अगर आप मुझे चाहते हैं तो ये गुलाब क़बूल फरमाइए...वरना इसे वापस कर दीजिए। ”मधुबाला की मोहब्बत की इस निशानी को दिलीप कुमार ने खुशी खुशी क़बूल कर लिया और फिर फिल्म तराना के सेट्स पर दिलीप कुमार और मधुबाला की असली लव स्टोरी भी परवान चढ़ने लगी।

मधुबाला की कमाई से ही उनके पूरे घर का खर्च चलता था, इसीलिए उनके पिता नहीं चाहते थे कि मधुबाला किसी भी अफेयर में पड़ें लेकिन एक दूसरे के इश्क़ में गिरफ्तार दिलीप कुमार और मधुबाला मिलने का कोई ना कोई तरीका ढूंढ ही लेते थे।

मुगल-ए-आज़म वो फिल्म है जो सिनेमा के इतिहास में सबसे ऊंचे पायदान पर है। इसी फिल्म के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी शुरू भी हुई, परवान भी चढ़ी और शूटिंग खत्म होते होते ये कहानी भी खत्म हो गई।

जब मुगले आज़म की शुरुआत हुई, तो अनारकली के रोल के लिए इंडस्ट्री की कई अभिनेत्रियों के अलावा अनगिनत नए चेहरों का स्क्रीन टेस्ट लिया गया। फिल्म पत्रकार बनी रिउबेन (REUBEN) द्वारा लिखित किताब- Dilip Kumar- Star Legend of Indian Cinema के मुताबिक, “मुगल ए आज़म में मधुबाला की एंट्री को लेकर बहुत कुछ लिखा जा चुका है लेकिन हकीकत सिर्फ यही है कि मधुबाला अनारकली बनी क्योंकि शहज़ादे सलीम (दिलीप कुमार) चाहते थे कि वो अनारकली बने।”

मुहब्बत परवान चढ़ रही थी...दिलीप कुमार ने जल्द ही अपनी सबसे बड़ी बहन सकीना को शादी का पैग़ाम लेकर मधुबाला के घर भेजा। उन्होने कहा कि अगर मधुबाला के पिता तैयार हों.... तो वो सात दिन बाद मधुबाला से शादी करना चाहते हैं......लेकिन अताउल्ला खान ने इस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया। पिता और दिलीप साब...वो दो लोग जिन्हे मधुबाला जिंदगी में सबसे ज्यादा प्यार करती थीं। लेकिन दोनों में से एक चुनना उनके लिए नामुमकिन सा हो गया था। इसी कशमकश में दिन तो बीतते रहे लेकिन उनके रिश्ते के धागों पर खिंचाव बढ़ता गया और फिर 1956 में वो तूफान आया...जिससे शायद ये रिश्ता कभी उबर नहीं सका।

फिल्म ढाके की मलमल की शूटिंग के दौरान दिलीप कुमार ने अभिनेता ओम प्रकाश के सामने मधुबाला से कहा, वो आज ही उन्हें अपने साथ ले जाकर उनसे शादी करना चाहते हैं। इसके साथ ही दिलीप साहब ने अपनी मोहब्बत मधुबाला के सामने एक शर्त रख दी। शर्त ये थी कि उनसे शादी के बाद मधुबाला को अपने पिता से सारे रिश्ते तोड़ने होंगे।

अपने यूसुफ की ये शर्त सुनकर...मधुबाला खामोश हो गईं....उनके होठों से एक लफ़्ज़ भी निकला... उनकी खामोशी देखकर दिलीप कुमार बोले, क्या इसका मतलब ये है कि तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहतीं? लेकिन मधुबाला की चुप्पी नहीं टूटी..मधुबाला की खामोशी से दिलीप कुमार का गुस्सा बढ़ता जा रहा था...वो फिर बोले। अगर आज मैं आज यहां से अकेले गया तो फिर कभी लौटकर तुम्हारे पास नहीं आऊंगा। मधुबाला चुप रहीं....और उनकी आंखों के सामने दिलीप कुमार उठे और वहां से चले गए। ना सिर्फ उस कमरे से बल्कि मधुबाला की ज़िंदगी से भी चले गए...हमेशा हमेशा के लिए।