दिल्ली हाईकोर्ट का Whatsapp और Telegram को आदेश, ''जवान'' फिल्म लीक करने वालों को करें उजागर

9/20/2023 5:13:04 PM

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म जवान की पायरेसी के खिलाफ रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट ने कल दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और अवैध रूप से फिल्म शेयर करने वाले व्हाट्सएप ग्रूप्स और टेलीग्राम चैनलों को तुरंत निलंबित और निष्क्रिय करने के लिए कहा है। जिसके बाद अदालत ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम के साथ-साथ मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों एयरटेल, आइडिया-वोडाफोन, रिलायंस जियो और बीएसएनएल को भी निर्देश दिया कि वे उपयोगकर्ताओं के नाम और पते सहित इन अकाउंट्स को संचालित करने वाले फोन नंबरों की ग्राहक जानकारी का खुलासा करें, ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके। 


अदालत ने व्हाट्सएप का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक को निर्देश दिया है कि वह भारत और विदेशों में व्यक्तियों द्वारा संचालित किए जा रहे उन समूहों को बंद करने के लिए तत्काल कार्वावाई करे, जिनकी पहचान रेड चिलीज ने अपने आवेदन में की थी। रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के सीएफओ, प्रदीप निमानी ने कहा, “पाइरेसी हमारे उद्योग को परेशान करने वाला एक बड़ा मुद्दा है, जिससे निपटने के लिए हमने कई एंटी-पाइरेसी एजेंसियों और एजेंटों को काम पर रखा है जो व्हाट्सएप, टेलीग्राम पर फिल्म की पायरेटेड प्रतियों की खोज करने वाले उपयोगकर्ताओं के रूप में कार्य कर रहे हैं। और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और पाइरेट्स की रिपोर्टिंग करने से हमें रोहित शर्मा नाम के एक व्यक्ति और कई अन्य लोगों की पहचान करने में मदद मिली, जो अवैध रूप से फिल्म की प्रतियां प्रसारित कर रहे थे।

रेड चिलीज़ ने रोहित शर्मा और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मुंबई के सांताक्रूज़ पुलिस स्टेशन में एक पुलिस शिकायत भी दर्ज की है जो अवैध रूप से फिल्म की प्रतियाप्रसारित कर रहे हैं। आने वाले दिनों में पुलिस द्वारा कार्रवाई की संभावना है जिसके बाद पहचाने गए व्यक्तियों की गिरफ्तारी की संभावना भी है। अदालत ने रोहित शर्मा के खिलाफ एक कड़ा आदेश पारित किया, जिनकी पहचान रेड चिलीज़ ने अवैध रूप से व्हाट्सएप के माध्यम से मामूली रकम के लिए फिल्म की प्रतियां बेचने के लिए की थी। अदालत ने उनके व्हाट्सएप नंबर को निष्क्रिय करने और उनके व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज को हटाने का निर्देश दिया। पहचाने जाने के बाद अन्य व्हाट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चैनलों के एडमिन के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई किए जाने की संभावना है।

रेड चिलीज़ द्वारा दायर 'जॉन डो' मुकदमे में इस साल की शुरुआत में पारित अपने आदेश के बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आवेदन में पहचानी गई कुछ अतिरिक्त वेबसाइटों को भी हटाने का निर्देश दिया, जो फिल्म की पायरेटेड प्रतियां होस्ट कर रही थीं। दिल्ली उच्च न्यायालय में रेड चिलीज़ का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव और अधिवक्ता निज़ाम पाशा के साथ-साथ डीएसके लीगल पार्टनर्स चंद्रिमा मित्रा और पराग खंडार ने किया।

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kahkasha