पिता की घड़ी बेचकर सपनों को साकर करने निकले थे जुबली कुमार

7/13/2018 1:01:43 AM

मुंबईः बॉलीवुड में जुबली कुमार के नाम से मशहूर राजेन्द्र कुमार ने कई सुपरहिट फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। लेकिन क्या आपको पता है कि उन्हें अपने करियर के शुरूआती दौर में कड़ा संघर्ष करना पड़ा था। 20 जुलाई 1929 को पंजाब के सिलाकोट शहर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्में राजेन्द्र कुमार अभिनेता बनने का ख्वाब देखा करते थे। जब वह अपने सपनों को साकार करने के लिये मुंबई पहुंचे थे तो उनके पास मात्र पचास रुपए थे जो उन्होंने अपने पिता से मिली घडी बेचकर हासिल किए थे। घड़ी बेचने से उन्हें 63 रुपए मिले थे जिसमें से 13 रुपये से उन्होंने फ्रंटियर मेल का टिकट खरीदा।

मुंबई पहुंचने पर गीतकार राजेन्द्र कृष्ण की मदद से राजेन्द्र कुमार को 150 रुपए मासिक वेतन पर वह निर्माता निर्देशक एच.एस. रवैल के सहायक निर्देशक के तौर पर काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1950 मे प्रदर्शित फिल्म ‘जोगन’ में राजेन्द्र कुमार को काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके साथ दिलीप कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी।  

वर्ष 1950 से वर्ष 1957 तक राजेन्द्र कुमार फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिये संघर्ष करते रहे। फिल्म‘जोगन’के बाद उन्हें जो भी भूमिका मिली वह उसे स्वीकार करते चले गए। इस बीच उन्होंने तूफान और दीया तथा आवाज एक झलक जैसी कई फिल्मों मे अभिनय किया लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म बाक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई। वर्ष 1957 में प्रदर्शित महबूब खान की फिल्म उन्हें बतौर पारश्रमिक 1000 रुपये महीना मिला। यह फिल्म पूरी तरह अभिनेत्री नरगिस पर आधारित थी बावजूद इसके राजेन्द्र कुमार ने अपनी छोटी सी भूमिका के जरिये दर्शकों का मन मोह लिया।

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