B''Day Spcl: जानिए दारा सिंह के पहलवान से अभिनेता और फिर नेता बनने तक का सफर, ऐसे मिला था ''रुस्तम-ए-हिंद'' का ख़िताब

11/19/2019 2:09:45 PM

बॉलीवुड तड़का डेस्क। एक्टर, पोलिटिशियन और स्पोर्टमैन दारा सिंह ने दुनिया भर में नेम और फेम कमाया है। वह जिस भी क्षेत्र में रहे हमेशा टॉप पर रहे। पॉपुलर पहलवान और एक्टर उन्होंने लगभग 500 मैचों में बिना हारे अपने आप में एक रिकॉर्ड कायम किया था। बचपन से ही कुश्ती का शौक रखने वाले दारा सिंह का जन्म 19 नवंबर को हुआ था। उनका पूरा नाम दारा सिंह रंधावा था।

1928 में अविभाजित पंजाब के अमृतसर में जन्मे दारा सिंह ने पहली बार सिंगापुर में 1947 में मलेशियाई चैंपियन तरलोक सिंह को हराकर अपनी विजय यात्रा शुरू की।

दारा सिंह की पहली फिल्म 'संगदिल' 1952 में आई थी। उन्होंने लगभग 115 फ़िल्में कीं, जिनमें से ज्यादातर हिट रही। दूरदर्शन पर आने वाले रामानंद सागर के सीरियल 'रामायण' में हनुमान के किरदार से उन्होंने देश के आम जनमानस के दिल में खास जगह बनाई। आज भी लोग उन्हें हनुमान के रूप में याद करते हैं। दारा सिंह का आखिरी यादगार किरदार फिल्म 'जब वी मेट' में था। जिसमें उन्होंने करीना कपूर के दादा का रोल निभाया था।

दारा सिंह ने 1954 में भारतीय कुश्ती चैम्पियनशिप का खिताब जीता था। वह इसके बाद कॉमनवेल्थ चैंपियन भी बने। वर्ल्ड चैंपियन किंग कांग के साथ मैच के बाद, दारा सिंह रातोंरात सुपरस्टार बन गए। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने 200 किलोग्राम के किंग कोंग को उठाकर रिंग के बाहर फेंक दिया था। किंगकोंग को हराने के बाद दारा सिंह को 'रुस्तम ए हिंद' का दर्जा मिला। 

वह डाइट में हर रोज 100 ग्राम बादाम, मुरब्बा और घी खाते थे। साथ ही हर रोज दो लीटर दूध, आधा किलो मीट, 6-8 रोटी भी उनकी डाइट में शामिल थी। दारा सिंह दिन में सिर्फ दो टाइम खाना खाते थे, जिसमें लंच और डिनर शामिल है। 

यह ऐसा रिकॉर्ड है जिसे आज तक कोई भी रेसलर नहीं तोड़ पाया है। दारा सिंह ने लगभग 500 कुश्ती लड़ीं और सभी में जीत हासिल की। 1983 में, 55 वर्ष की आयु में, उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया। दारा सिंह ने लगभग 36 वर्षों तक अखाड़े में अपनी ताकत दिखाई। अजेय रहने के लिए दारा सिंह का नाम 'ऑब्जर्वर न्यूज लेटर हॉल ऑफ फेम' में दर्ज किया गया है। दारा सिंह 2003 से 2009 तक राज्यसभा सांसद भी रहे।

Edited By

Akash sikarwar