रेप केस मामले में बढ़ी भूषण कुमार की मुश्किलें,पुलिस को लताड़ते हुए कोर्ट ने खारिज की क्लोजर रिपोर्ट

4/20/2022 12:07:54 PM

मुंबई: साल 2021 में म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज के मैनेजिंग डायरेक्टर भूषण कुमार का एक रेप केस में नाम उछला था। जुलाई में एक 30 वर्षीय महिला ने भूषण कुमार के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं अब ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो इस मामले में भूषण कुमार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। मुंबई पुलिस अपनी ओर से इस केस को रफा-दफा करने की कोशिश में थी। अब कोर्ट ने मुंबई पुलिस के क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

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कोर्ट ने मुंबई पुलिस की जमकर फटकार भी लगाई है। साथ ही शिकायत करने वाली महिला ने जिस तरह से क्लोजर रिपोर्ट का समर्थन किया तो कोर्ट ने उस पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की जांच के दौरान बहुत से कानूनी पक्षों की अनदेखी की गई है। अदालत ने पुलिस को पूरी जांच की समीक्षा करने का आदेश दिया है।

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कोर्ट ने कहा-'शिकायतकर्ता महिला ने अंतिम रिपोर्ट (बी समरी) का समर्थन करके कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग किया है जो जरूरतमंद वादियों के लिए हैं। अदालत ने पुलिस को कानून के अनुसार मामले की जांच करने और जोनल पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को जांच की समीक्षा करने का निर्देश दिया।' 

 

दरअसल, पुलिस 'बी समरी' रिपोर्ट (फाइनल रिपोर्ट) किसी भी केस में तब फाइल करती है जब आरोप गलत इरादे से लगाए गए हो या जांच में कोई सबूत न मिले हों।  मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट आरआर खान ने पुलिस की समरी रिपोर्ट को इस महीने के शुरू में भी रिजेक्ट कर दिया था।

शिकायतकर्ता ने भी किया बी समरी स्पोर्ट 

भूषण कुमार पर आरोप लगाने वाली महिला ने बी समरी नोटिस मिलने के बाद कोर्ट में एक शपथपत्र दाखिल करते हुए कहा था- 'वह एक एक्ट्रेस हैं और परिस्थितियों के कारण हुई गलतफहमी के कारण उन्होंने ये आरोप लगाए थे और अब वह इन्हें वापस ले रही हैं। आरोप लगाने वाली महिला ने कहा है कि उसे पुलिस की बी-समरी रिपोर्ट पर कोई आपत्ति नहीं है।'

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कोर्ट ने जताई इन मुद्दों पर नाराजगी

शिकायतकर्ता के इस शपथपत्र को देख कोर्ट ने कहा-'आरोप लगाने वाली महिला ने कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग किया है जो जरूरतमंद लोगों के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने अपने निजी फायदे के लिए कानून का गलत इस्तेमाल किया है। जज ने भूषण कुमार और एक गवाह पर भी नाराजगी व्यक्त की जिन्होंने मामले में हस्तक्षेप के लिए याचिकाएं दाखिल की थीं। उन्होंने कहा कि दोनों के लिए मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कोई आधार नहीं है और उन्होंने ऐसी याचिका दाखिल कर अपनी सीमाएं लांघ दी हैं। मैजिस्ट्रेट ने कहा कि भूषण कुमार के ये प्रयास बताते हैं कि वह कितनी जल्द से जल्द इस मामले से बचना चाहते हैं।'

पुलिस को भी लगाई लताड़

कोर्ट ने पुलिस की जांच पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा- मामला दर्ज होने के बाद जांच अधिकारी ने न तो आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश की और न ही आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए को ई अपील की जिससे पता चलता है कि आरोपी कितने आत्मविश्वास में था कि पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करेगी। 

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जज ने कहा- 'पता चलता है कि पीड़िता ने अपने निजी फायदे के लिए रेप जैसे क्रिमिनल लॉ का गलत इस्तेमाल किया हैपुलिस ने होटल के रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और वैज्ञानिक आधार पर मिलने वाले सबूतों की अनदेखी की। रेप जैसे जघन्य अपराध के मामलों में ऐसे उपलब्ध सबूतों को इकट्ठा किया जाना जरूरी होता है। कोर्ट ने पुलिस को कानूनी आधार पर मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।'


बता दें कि एक 30 वर्षीय महिला (एक्ट्रेस) ने जुलाई के महीने में भूषण कुमार पर रेप और धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। पीड़िता के मुताबिक भूषण कुमार ने उन्हें अपनी कंपनी के कुछ प्रोजेक्ट में काम देने का वादा करते हुए उनका रेप किया था। इस मामले में भूषण कुमार पहले ही सभी आरोपों को बेबुनियाद बता चुके हैं।
 


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Content Writer

Smita Sharma


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