''जो द कश्मीर फाइल्स के पक्ष में थे उनको...गुजराती फिल्म Chhello Show की ऑस्कर एंट्री पर विवेक अग्निहोत्री का ट्वीट
9/21/2022 9:47:24 AM
मुंबई: ऑस्कर अवाॅर्ड्स के लिए दर्शकों और फिल्ममेकर्स के बीच हमेशा एक्साइटमेंट देखने को मिलता है। ऑस्कर पुरस्कारों में आखिरी बार 2001 में आमिर खान की फिल्म 'लगान' ने अंतिम पांच में जगह बनाई थी। लगान के से पहले 'मदर इंडिया'(1958) और 'सलाम बॉम्बे' (1989) का नाम लिस्ट में शामिल है। वहीं 95वें अकादमी पुरस्कारों यानी ऑस्कर 2023 के लिए RRR, द कश्मीर फाइल्स से लेकर बहुत सी फिल्मों की चर्चा थी लेकिन अब भारत सरकार की तरफ से घोषणा हो गई है कि गुजराती फिल्म 'छेलो शो' इस साल भारत की तरफ से ऑस्कर अवॉर्ड्स 2023 के लिए ऑफिशल एंट्री होगी।
जैसे ही इस फिल्म ऑस्कर के नॉमिट हुई यह सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगी। लोग डायरेक्टर और फिल्म के टीम के बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर रहे हैं। इस लिस्ट में कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री का नाम भी हैं।
A big congratulations to the entire team of #LastFilmShow (Chhello Show) for being selected as India’s official entry. Wishing them the best film award at the #Oscars2023
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) September 20, 2022
I thank all the well wishers and specially media which was rooting for #TheKashmirFiles. 🙏🙏🙏 pic.twitter.com/nNjOe2Fv3D
विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट कर लिखा-'भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुने जाने के लिए द लास्ट फिल्म शो छेल्लो शो की पूरी टीम को बहुत-बहुत धन्यवाद। ऑस्कर 2023 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार की शुभकामनाएं।मैं उन सभी शुभचिंतकों और विशेष रूप से मीडिया का आभार व्यक्त करता हूं जो द कश्मीर फाइल्स के पक्ष में थे।'
ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल में हुआ था प्रीमियर
गुजराती फिल्म 'छेलो शो' का डायरेक्शन पैन नलिन ने किया है। फिल्म में भाविन राबरी, भावेश श्रीमाली, ऋचा मीणा, दीपेन रावल और परेश मेहता ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म को पहली बार साल 2021 में ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था। इसके बाद फिल्म को कई अलग-अलग अवॉर्ड फंक्शन में दिखाया गया है जहां इसे खूब तारीफ मिली है।
कहानी
'छेलो शो' एक ऐसे बच्चे समय की कहानी है जो सौराष्ट्र का रहने वाला है। उसके पिता एक गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते हैं। एक दिन समय एक सिनेमाघर के प्रॉजेक्शन रूम में पहुंच जाता है और बहुत सारी फिल्में देखता है। समय को उस समय सिनेमा के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है लेकिन उसकी खुद की जिंदगी एक सिनेमा है। यही इस फिल्म की कहानी है।