भुज: 300 महिलाओं की मदद से विंग कमांडर ने नाकाम किए थे पाक के मंसूबे,  ये है अजय देवगन की फिल्म की असली कहानी

8/14/2021 10:38:05 AM

मुंबई: बाॅलीवुड में अब तक देशभक्ति पर कई फिल्में बनीं हैं,जिन्हें दर्शकों ने काफी पसंद किया है।खास बात तो ये है कि देशभक्ति पर बनी ज्यादातर फिल्मों की कहानियां सच्ची घटनाओं पर आधारित होती हैं। हाल ही में रिलीज हुई अजय देवगन की फिल्म भुज द प्राइड ऑफ इंडिया भी ऐसी ही एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। इस फिल्म में भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध की कहानी दिखाई गई है।

इसके साथ ही इसमें दिखाया गया है कि कैसे गांव की महिलाओं ने रनवे बनाने में भारतीय सेना की मदद की और पाकिस्तान के इरादों को नाकाम किया। चलिए जानते हैं  उस सच्ची घटना के बारे में जिससे प्रेरित होकर ये फिल्म बनी...

पाकिस्तान के साब्रे जेट्स ने भारत के भुज पर गिराए 14 नापालम बम

8 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के साब्रे जेट्स ने 14 नापालम बम भारत के भुज स्थित एयरफोर्स बेस पर गिराए थे। पाकिस्तान द्वारा किए इन धमाकों से भारतीय सेना का रनवे तबाह हो गया था। इस रनवे के तबाह होने के चलते सारे हवाई ऑपरेशंस में बाधा आ गई। वहीं पाकिस्तान द्वारा किया गया दूसरा हमला इतना खतरनाक था कि भारतीय सेना को बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स से मदद लेनी पड़ी थी।

300 महिलाओं की मदद से नाकाम किए थे पाक के मंसूबे

1971 में जब पाकिस्तान के हमले से भुज के एयर स्ट्रिप बर्बाद हो गए थे तो विजय कार्णिक इसी भुज एयरपोर्ट के इंचार्ज थे। हालांकि भारतीय वायुसेना के पास इतने श्रमिक नहीं थे जो एयरस्ट्रिप को तुरंत ठीक कर पाते। इसके बाद कैंप के पास स्थित एक माधापुर गांव की 300 महिलाओं ने फिर से रनवे बनाने में मदद की।इन औरतों ने बिना किसी चीज की परवाह किए 72 घंटे के अंदर नया रनवे बनाया था।

ऐसे में विजय कार्णिक ने महिलाओं की मदद से इस रनवे को दोबारा खड़ा करवाया था। ये लड़ाई भारत ने सिर्फ अपने सैनिकों ही नहीं बल्कि गांव की इन महिलाओं के सहयोग से भी जीती थी।

बता दें कि फिल्म में सुरेंदरबन जेठा माधरपाया के रोल में सोनाक्षी सिन्हा हैं। वहीं विजय कार्णिक के रोल में अजय देवगन हैं। इसके अलावा फिल्म में नोरा फतेही, संजय दत्त और शरद केलकर भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

Content Writer

Smita Sharma