कहानी और म्यूजिक छोड़, डांस पर फोकस है ''भंगड़ा पा ले''

1/5/2020 5:12:32 PM

बॉलीवुड तड़का डेस्क। 2019 की शुरुआत में प्रोड्यूसर रॉनी स्क्रूवाला ने विकी कौशल पर दांव लगाया। फिल्म 'उरी द सर्जिकल स्ट्राइक' उनके लिए जैकपॉट साबित हुई। इस साल की शुरुआत में विकी के छोटे भाई सनी का जैकपोट खुला, लेकिन वह अपने भाई जैसा कमाल नहीं कर पाए। सनी कौशल की ये तीसरी फिल्म थी। फिल्म की कहानी को दो भागों में बांटा गया है, एक प्रेजेंट और एक 1944 की एक घटना में। दरअसल, जग्गी (सनी कौशल) को लगता है कि वह दुनिया का सबसे बेस्ट भांगड़ा डांसर है और फिर उनकी मुलाकात सिमी (रुक्शर ढिल्लन) से होती है। सिमी भी तब तक यही मानती थी, जब तक वो दोनों एक दूसरे के अपोजिट डांस कम्पटीशन में नहीं आते। जग्गी का अपने फ्रीडम फाइटर दादा कप्तान के साथ एक इंट्रेस्टिंग पास्ट है।

जग्गी को अपने दादा से भांगड़ा के गुर मिले, वहीं सिमी के माता-पिता के तलाक का दुखद अतीत है। जग्गी और सिमी के पास डांस कम्पटीशन जीतने और इंटरनेशनल लेवल पर लंदन कम्पटीशन में जाने के लिए अपने कारण हैं। 

स्क्रिप्ट में काफी भटकाव है, जो इसके बेसिक स्ट्रक्चर की वजह से नहीं, बल्कि कई कहानियां एक साथ चलाने की वजह से हैं। कई बार, इसमें डांस हावी हो जाता है, तो कई बार ड्रामा। म्यूजिक के मामले में भी फिल्म कमतर रही है। एक गाने के अलावा सभी गाने लगभग औसत हैं। ऐसा लगता है मेकर्स डांस के चक्कर में म्यूजिक पर ध्यान देना भूल गए। सनी और रुखसार को भांगड़ा करते हुए देखकर एक समय तक तो अच्छा लगता है, लेकिन फिर ये भी ज्यादा हो जाता है। 

सनी के लिए यह एक अच्छी शुरुआत है। रुखसार की डायलॉग डिलीवरी में अनुष्का शर्मा जैसी समानता है। श्रिया पिलगाँवकर अपनी सीमित भूमिका में बहुत प्यारी दिखती हैं। बहुत सारे डायलॉग्स के बिना भी वह अपनी उपस्थिति को मजबूत करती है। शीबा चड्ढा और परमीत सेठी फिल्म में काफी भुलक्कड़ हैं। 

सनी और श्रिया पिलगांवकर के एक सीन सहित कुछ सीन्स फिल्म में ऐसे हैं, जो दिल को छू जाते हैं। धीरज रतन की इस कहानी में कई उतार हैं। इस पर और काम करने की जरुरत थी। हरमीत सिंह की शानदार सिनेमैटोग्राफी को देखते हुए यह बेहतर हो सकती थी। जिस तरह से स्नेहा तौरानी ने कई सीन्स को फील कराने के लिए लाइट का उपयोग किया है, वह भी काबिल-ए-तारीफ है। 

Edited By

Akash sikarwar