सोने से था बप्पी लहरी को बेहद प्यार,धरनतेरस पर गोल्ड टी सेट...जानिए पहली सोने की चेन से लेकर अब तक की कहानी

2/16/2022 9:26:42 AM

मुंबई: 80 के दशक से संगीत की दुनिया में राज कर रहे बप्पी लहरी 69 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। उन्होंने 16 फरवरी को अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर ने हर किसी का दिल तोड़ दिया।

लोग प्यार से उन्हें बप्पी दा कहते थे। हिंदी सिनेमा के टॉप कम्पोजर्स में से एक बप्पी दा लगभग 9000 गानों में म्यूजिक दे चुके हैं। बप्पी लहरी का म्यूजिक जितना कानों को मधुर लगता है, उतना ही यह अपने गोल्ड की वजह से भी मशहूर हैं।  

 

धनतेरस पर खरीदा गोल्ड टी सेट

साल 2021 के धनतेरस पर बप्पी लहरी ने सोने की चेन नहीं खरीदी थी। उन्होंने अपने लिए गोल्ड टी सेट मंगवाया था। ये अपने आप में बेहद अनोखा और कीमती है। इसके पीछे की लहरी ने वजह भी बताई थी। एक इंटरव्यू में बप्पी लहरी ने कहा था- इस बार वो गोल्ड चेन नहीं लेंगे। सोने का उनके पास सब कुछ तो है ही। धनतेरस पर मैंने मेरी पत्नी से कहा कि वो मेरे लिए एक गोल्ड टी सेट लेकर आए। मुझे लगा कि टी सेट या एक कप और प्लेट बेहतर रहेंगे। 

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मां ने दी थी पहली चेन

बप्पी दा ने जून 2019 में अनुप्पा चोपड़ा को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें पहली सोने की चेन 1974 में उनकी मां ने दी थी। इसके बाद उन्हें दूसरी सोने की चेन उनकी पत्नी ने 1977 में दी। बप्पी दा कहते हैं कि इसके बाद गोल्ड का सिलसिला यूं चला कि उनके पास गोल्ड ही गोल्ड हो गया। 

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बप्पी दा कहते हैं इसके बाद तो पूरी दुनिया में बप्पी मतलब गोल्ड हो गया। उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए कहा-जब में कभी न्यूयार्क या इंग्लैंड में होता  और सर्दियों की वजह से जब अपनी सोने की चेन जैकेट के अंदर ही रहती तो इंडियन फैंस मेरे पास आकर कहते कि आप बप्पी लहरी हो ना, जैसे ही मैं कहता कि हां, तो वह पूछते आपका गोल्ड कहा है। 

बप्पी दा ने कहा था-गोल्ड चेन मेरा पहचान और अब यह मेरी आईडेंडिटी बन चुकी है। उन्होंने बताया था उनका 'जिमी-जिमी' सॉन्ग लगभग 45 भाषाओं में कम्पोज किया गया। इनमें रूस, चीन और इस्तांबुल जैसे देश शामिल हैं। 


 

 

 


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Content Writer

Smita Sharma


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