फिल्म सैम बहादुर में गुलज़ार साहब का गाना ''बढ़ते चलो'' भारत-न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में बजाया जाएगा

11/14/2023 3:02:58 PM

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। सैम बहादुर का पहला गाना 'बढ़ते चलो' भारत-न्यूजीलैंड सेमीफाइनल के दौरान बजाया जाएगा। यह एक अद्भुत विशिष्टता रखता है क्योंकि इसमें भारतीय सेना की विभिन्न रेजिमेंटों के हर ऐतिहासिक युद्ध घोष को गीतों में पिरोया गया है, जो कि प्रसिद्ध गुलज़ार साब की एक उल्लेखनीय रचना है। जो चीज़ इसे अलग करती है वह है संपूर्ण कलाकारों में वास्तविक सैनिकों का समावेश, प्रामाणिकता और हार्दिक चित्रण सुनिश्चित करना। यह गाना महादेवन, विशाल ददलानी और दिव्य कुमार द्वारा गाया गया है। गुलज़ार के बोल और शंकर एहसान लॉय द्वारा संगीतबद्ध यह गीत सैनिकों के लचीलेपन और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गीत में शामिल प्रत्येक व्यक्ति एक वास्तविक सैनिक है, जो वीरता के विषय में ईमानदारी और जुड़ाव की एक गहरी परत जोड़ता है। यह गाना न केवल युद्ध की चीखों के सार को दर्शाता है, बल्कि उन गुमनाम नायकों को भी श्रद्धांजलि देता है जो देश की रक्षा का अभिन्न अंग रहे हैं। 

गुलज़ार साहब की काव्य प्रतिभा और सैनिकों की वास्तविक उपस्थिति का संयोजन इस गाने को एक शक्तिशाली और भावपूर्ण श्रद्धांजलि बनाने का वादा करता है, जो इस महत्वपूर्ण क्रिकेट आयोजन के दौरान दर्शकों पर एक अमिट छाप छोड़ेगा। बता दें कि एंथम की शुरुआत सैम मानेकशॉ द्वारा युद्ध के लिए अपने सैनिकों को एकजुट करने से होती है। संगीत वीडियो में मानेकशॉ के नेतृत्व को प्रदर्शित करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय सेना की अवज्ञा की झलक दिखाई गई।

बता दें कि सैम बहादुर फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन पर प्रकाश डालते हैं, जो फील्ड मार्शल का पद हासिल करने वाले पहले भारतीय सेना अधिकारी थे। उनके नेतृत्व ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे बांग्लादेश का निर्माण हुआ।

Content Editor

Varsha Yadav