आंखों में आंसू लिए शहीद बेटे बिलाल अहमद का शौर्य चक्र लेने पहुंची मां तो अनुपम बोले-''एक मां ने अपने जज्बातों को कैसे रोका ये देख कलेजा फट गया''
11/24/2021 12:52:01 PM
मुंबई: 1963 में बनी फिल्म 'बन्दिनी' का गाना 'मत रो माता.. लाल तेरे जन्मभूमि के काम आया मैं बड़े भाग है मेरे...मत रो माता' गाना उस समय जीवित हो उठा जब एक मां देश के लिए शहीद हुए अपने जिगर के टुकड़े का शौर्य चक्र का सम्मान स्वीकार करने राष्ट्रपति भवन पहुंची। शौर्य चक्र के लिए जैसे ही जम्मू-कश्मीर के SPO बिलाल अहमद माग्रे के नाम की घोषणा हुईं तो उनकी मां सारा बेगम कांपते पैरों के साथ कुर्सी से खड़ी हो गईं।
जिगर के टुकड़े जिसे उसने अपने खून से सींचा उस बेटे के लिए सारा की आखों से आसुंओं की धारा थी जिसे वह बेहद मुश्किल से रोकती दिख रही थीं।
उस बेबस मां के दुख का अंदाजा शायद वहां बैठा हर शख्स लगा सकता था। आंखों में आसूं होने के बावजूद भी अपने जज्जबातों को रोकती इस मां का वीडियो देख बाॅलीवुड एक्टर अनुपम खेर का भी कलेजा फट रहा है।
Koo Appजम्मू-कश्मीर के #BilalAhmadMagray बारामुल्ला में नागरिकों को आतंकियों के हमले से बचाते हुए शहीद हुए।उनकी वीरता के लिए सेना का मरणोपरांत शौर्य चक्र उनकी माता #SaraBegam को दिया गया।इस विडीओ में एक माँ अपने जज़्बात कैसे रोकती है उसे देखकर बार बार कलेजा फटता है।माँ तुझे सलाम! 🙏💔 - Anupam Kher (@anupampkher) 24 Nov 2021
एक्टर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू पर इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है- 'जम्मू-कश्मीर के बिलाल अहमद माग्रे बारामूला में नागरिकों को आतंकियों के हमले से बचाते हुए शहीद हुए। उनकी वीरता के लिए सेना का मरणोपरांत शौर्य चक्र उनकी माता सारा बेगम को दिया गया। इस वीडियो में एक मां अपने जज्बात कैसे रोकती है, उसे देखकर बार बार कलेजा फटता है। मां तुझे सलाम।'
गौरतलब है कि बिलाल अहमद खास पुलिस अधिकारी के तौर पर बारामूला में कार्यरत थे। 20 अगस्त 2019 को उन्हें एक घर में आतंकवादी होने की खबर मिली। सर्च ऑपरेशन के दौरान जब वह फंसे हुए लोगों को निकाल रहे थे तो छिपे हुए आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया और बमबारी की। इसके बावजूद भी
उन्होंने बहादुरी से लोगों को बाहर निकाला और खुद शहीद हो गए।