कंगना के विवादित बयान के बाद कांग्रेस नेता ने राष्ट्रपति से की पद्म श्री अवॉर्ड वापस लेने की मांग, PM मोदी की चुप्पी पर भी उठाए सवाल
11/12/2021 12:52:25 PM
बॉलीवुड तड़का टीम. एक्ट्रेस कंगना रनौत 1947 की आज़ादी को भीख बताकर एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। लोग इस बयान पर कमेंट कर उन्हें खरी खोटी सुना रहे हैं। वहीं कई तो उन्हें दिए गए पद्म श्री अवॉर्ड को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने गुरुवार को कंगना द्वारा की गई टिप्पणी को अपमानजनक करार दिया और कहा कि राष्ट्रपति को उन्हें दिया गया पद्म पुरस्कार वापस लेना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने ट्विटर पर कहा, "प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और राष्ट्र को बताना चाहिए कि क्या वह सुश्री रनौत के विचारों का समर्थन करते हैं। अगर नहीं, तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "माननीय राष्ट्रपति को रनौत को दिया गया पद्म पुरस्कार तुरंत वापस लेना चाहिए। इस तरह के पुरस्कार देने से पहले मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि ऐसे व्यक्ति राष्ट्र और उसके नायकों का अपमान न करें।"प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और राष्ट्र को बताना चाहिए कि क्या वह सुश्री रनौत के विचारों का समर्थन करते हैं? यदि नहीं, तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) November 11, 2021
माननीय @rashtrapatibhvn को सुश्री रनौत को दिया गया पद्म पुरस्कार तुरंत वापस लेना चाहिए। इस तरह के पुरस्कार देने से पहले मानसिक मनोचिकित्सीय मूल्यांकन किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे व्यक्ति राष्ट्र और उसके नायकों का अपमान न करें।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) November 11, 2021
आगे उन्होंने लिखा-निंदनीय और पूरे देश को चौंकाने वाला। सुश्री कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे साहसी स्वतंत्रता सेनानियों और सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और कई अन्य क्रांतिकारियों के बलिदान का अपमान करता है।
बता दें, हाल ही में कंगना ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 1947 में देश को जो मिली वो आजादी नहीं भीख थी। असली आजादी तो 2014 में मिली है।निंदनीय और पूरे देश को चौंकाने वाला। सुश्री कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे साहसी स्वतंत्रता सेनानियों और सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और कई अन्य क्रांतिकारियों के बलिदान का अपमान करता है।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) November 11, 2021