B'Day Spcl: ग्रेजुएशन में 14 साल की लड़की को हो गया था गब्बर सिंह से प्यार, इंट्रेस्टिंग है अमज़द खान

11/12/2019 1:09:14 PM

बॉलीवुड तड़का डेस्क। "यहां से पचास पचास कोस दूर गांव में, जब कोई बच्चा रोता है, तो मां कहती है सोजा, सोजा बेटा वरना गब्बर सिंह आ जाएगा" खाकी सूट और कारतूस की एक बेल्ट पहने, घुंघराले बाल और काले दांतों के साथ देश के सबसे खूंखार डकैत ने इस डायलॉग को 70 मिमी स्क्रीन पर पहुंचाया था। हिंदी सिनेमा में सबसे चर्चित और पॉपुलर कैरेक्टर्स में से एक को यादगार बनाते हुए और 'कितने आदमी थे?' 'जो डर गया समझो मर गया' 'तेरा क्या होगा कालिया' जैसे सरल लेकिन गहरे डायलॉग्स से अमज़द खान ने अपनी खास पहचान बनाई। उनके 79th बर्थडे पर आइए जानते हैं उनसे जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट: 

पाकिस्तान के पेशावर (तत्कालीन भारत)  में एक्टर जयंत (ज़कारिया खान) के घर 1940 में पैदा हुए, खान पश्तून परिवार से थे। वह पढाई में बहुत अच्छे थे। उन्होंने मुंबई के सेंट एंड्रयूज हाई स्कूल से स्कूलिंग पूरी की और आर डी नेशनल कॉलेज में एडमिशन लिया। कॉलेज में रहते हुए, खान कॉलेज के पॉलिटिकल सिनेरियो में एक्टिव थे, उन्हें स्टूडेंट यूनियन का अध्यक्ष भी चुना गया था।

उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र में मास्टर्स पूरा करने के बाद, अपने पिता से मिले एक्टिंग के प्रति अपने जुनून को मौका देने के लिए बॉलीवुड में कदम रखा।

फिल्म शोले में गब्बर के रोल के लिए पहली पसंद अमज़द खान की जगह, डैनी डेन्जोंगपा थे, लेकिन एक कमिटमेंट की वजह से वो इस फिल्म को नहीं कर पाए और गब्बर का किरदार अमज़द खान ने निभाया। 

यह बात आपको अजीब लगेगी लेकिन बॉलीवुड के दिग्गज खलनायक की एक लव स्टोरी भी थी। दिवंगत लेखक और गीतकार अख्तर-उल-इमान की बेटी और रुचि शेहला मुंबई के बांद्रा में एक ही इमारत में रहती थीं। वह केवल चौदह साल की थी और अमज़द खान बैचलर्स कर रहे थे। फिल्मफेयर के अनुसार, रूचि की तरफ से उन्हें एक शादी का प्रपोजल भी भेजा जिसे अमज़द ने रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि वह बहुत छोटी थी।

इसके बाद शेहला को पढ़ाई के लिए अलीगढ़ भेजा गया। इस दौरान उनका रोमांस लैटर्स के जरिए चलता रहा। इस स्पेशल लव कपल की 1972 में शादी हुई।

खान और शेहला के तीन बच्चे थे और जिस दिन उनका बड़े बेटे शादाब ने जन्म लिया। उसी दिन खान ने शोले साइन की थी। फिल्मों में बिजी होने के बावजूद और एक दिन में कई फिल्मों की शूटिंग के बावजूद, खान ने हमेशा अपने बच्चों के लिए समय निकाला।

'राजा की आएगी बारात' से शादाब ने अपना ऑनस्क्रीन डेब्यू लिया, लेकिन इससे पहले ही खान का निधन हो गया। हालांकि खान ने हमेशा उन्हें अपने दम पर आगे बढ़ने को प्रेरित किया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि उनका बेटा भाई-भतीजावाद का उत्पाद न बने। 

Edited By

Akash sikarwar