''निकाह हलाला पर विज्ञापन क्यों नहीं'' आमिर खान पर भड़के यूजर्स, बोले-''ये हिंदू धर्म के बारे में ज्ञान देने वाले कौन''

10/12/2022 2:29:28 PM

मुंबई: बॉलीवुड के 'मिस्टर परफेक्शनिस्ट' आमिर खान पिछले काफी दिनों से लोगों के गुस्से का शिकार हो रहे हैं। पिछले दिनों उनकी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा'  का काफी विरोध हुआ था जिस वजह से उनकी फिल्म बुरी तरह फ्लाॅप हुईं।

वहीं अब  एक बार फिर उनका विरोध हो रहा है।  इसकी वजह एक विज्ञापन है, जिसमें वो कियारा आडवाणी के साथ नजर आ रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद लोग आमिर पर भड़क गए हैं।इस वीडियो को हिंदू परंपरा के खिलाफ बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि इससे सामाजिक भावनाएं आहत हुई हैं। 

क्या है पूरा मामला?

ये ऐड एक बैंक है। अब आप सोच रहे होंगे कि बैंक से जुड़े इस ऐड में ऐसा क्या हो गया जिस वजह से इसे हिंदू परंपरा के खिलाफ बताया जा रहा है। दरअसल, इस ऐड में आमिर-कियारा न्यूली वेड कपल के रूप में नजर आ रहे हैं। ऐ़ड में आमिर, कियारा से कहते हैं- 'ये पहली बार है जब विदाई में दुल्हन रोई नहीं।'

इसमें सामान्य प्रथा से अलग दूल्हा, दुल्हन के घर जाता है, जिससे उसके बीमार पिता की देखभाल हो जाए। रियल लाइफ में जिस तरह दुल्हन घर में पहला कदम रखती है इस ऐड में उसी तरह आमिर घर में पहले एंटर करते हैं। वहीं सब आमिर का खूब धूम-धाम से स्वागत करते हैं। वीडियो के अंत में आमिर कहते हैं, 'सदियों से चली आ रही परंपरा क्यों चलती रहें? इसलिए हम बैंकिंग परंपरा पर सवाल उठाते हैं। एड में सदियों से चली आ रही प्रथा को बदलने की बात कही गई है। ऐसे में लोग भड़क गए। उनका कहना है कि हमेशा हिन्दू धर्म से ही विज्ञापन क्यों...निकाह हलाल पर ऐड क्यों नहीं बनाते। 


 

 

देखें यूजर्स के ट्वीट

#AamirKhan_Insults_HinduDharma एक नियमित मामला बनता जा रहा है। इस बार यह हिंदू परंपराओं का मजाक उड़ा रहा एयू बैंक का विज्ञापन है। क्या एयू बैंक अन्य धर्मों की बदलती परंपराओं पर विज्ञापन देगा?'

#AamirKhan_Insults_HinduDharma हमारी हिंदू परंपराओं पर ही विज्ञापनों क्यों शूट करते हैं.. निकाह या हलाल पर विज्ञापन क्यों नहीं?

 

एक ने लिखा-'#AamirKhan_Insults_HinduDharma @aubankindiaके पास हिंदू परंपराओं को संशोधित करने का कोई अधिकार नहीं है, इसके बजाए, इसे अपने स्वयं के व्यवसाय पर ध्यान देना चाहिए। Ameer Khan हमसे है' अभियान को हिंदू धर्म पर ज्ञान देने के बजाय बैंकिंग सुधार विज्ञापनों तक सीमित रखें!'

 

Content Writer

Smita Sharma