Exclusive Interview: आमिर का रिपब्लिक-डे गिफ्ट ‘रूबरू रोशनी’

1/25/2019 10:36:13 AM

नई दिल्ली। ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान की पहचान बॉलीवुड में ऐसे अभिनेता के रूप में है, जो हर काम को बहुत सोच-समझ कर अंजाम देते हैं। फिल्मों को लेकर उनके जैसा जुनून कम कलाकारों में ही देखने को मिलता है। इस गणतंत्र दिवस पर अपने प्रशंसकों को आमिर फिल्म  ‘रूबरू रोशनी’ का तोहफा दे रहे हैं।

 

इस फिल्म को आमिर ने अपनी पत्नी किरण राव के साथ मिलकर बनाया है, जो सिनमाघरों में नहीं बल्कि छोटे पर्दे पर रिलीज हो रही है। यह स्टार प्लस पर सुबह 11 बजे प्रसारित होगी। स्वाति चक्रवर्ती निर्देशित ‘रूबरू रोशनी’ समेत कई खास मुद्दों पर आमिर खान ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से बातचीत की। पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश:

 

‘आजाद होकर भी कैद’
आमिर खान कहते हैं, ‘अपनेे देश को आजादी तो मिल गई है लेकिन हम आज भी पूरी तरह से आजाद नहीं हैं। कुछ चीजों की वजह से हमने खुद को कैद करके रखा हुआ है। हमारे ही पास उसकी चाबी भी है। अब हम किस तरह से कैद हैं और कैसे हम खुद को आजाद कर सकते हैं यह 26 जनवरी यानी कल पता चलेगा।’

 

 

तीन सच्ची कहानियों का मेल
अभिनेता ने कहा, ‘फिल्म ‘रूबरू रोशनी’ टीवी शो ‘सत्यमेव जयते’ से काफी अलग है। वह एक शो था, जिसे मैं होस्ट कर रहा था लेकिन यह बाकी फिल्मों की तरह पूरे दो घंटे की फिल्म है। कन्टेंट की बात करें तो सत्यमेव जयते में हम सामाजिक विषयों को दर्शकों के सामने रखते थे लेकिन यह फिल्म आत्म-अनुभूति से जुड़ी है।

 

समाज हमसे ही शुरू होता है इसलिए समाज से पहले हमें खुद के अंदर झांकना होगा। समाज में जो समस्याएं हैं उनके समाधान की शुरुआत आत्म-अनुभूति से ही होती है और यही बात है जो फिल्म सभी से कहना चाहती है। इसमें तीन सच्ची कहानियों का मेल है जो आपके दिलों को छू लेगी।’

 

फिल्म से जुडने की वजह 
आमिर कहते हैं, ‘जब इस फिल्म की निर्देशक स्वाति ने मुझे और किरण को इस फिल्म का कॉन्सेप्ट समझाया तो वह हमें बहुत पसंद आया, जिसके बाद हमने फैसला लिया कि इस फिल्म का हम निर्माण करेंगे। स्वाति ऐसी 5वीं निर्देशक हैं, जो हमारे प्रोडक्शन हाउस एपीके से शुरुआत करने जा रही हैं।

 

जब मैंने इस फिल्म को देखा तो लगा कि स्वाति जिस तरह से फिल्म बनाना चाहती थीं, वह उसके काफी करीब पहुंची हैं। अब तक जितने भी निर्देशकों ने हमारे प्रोडक्शन हाउस से शुरुआत की है, उन्होंने हिट फिल्में दी हैं। इस फिल्म के लिए भी हम यही उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन जैसा कि हमेशा होता है फिल्म रिलीज से पहले दिल की धड़कनें थोड़ी तेज हो गई हैं।’

 

सभी की जिंदगी से जुड़ती है यह फिल्म
वह कहते हैं, ‘यह फिल्म पहली बार देखकर मुझे महसूस हुआ कि मेरी खुद की सोच में थोड़ा बदलाव आया है। रिश्तों को लेकर जो मेरे विचार थे, जिस तरह से मैं उन्हें देखता था उसमें भी मैंने बड़ा बदलाव देखा। जो भावनाएं, जो जज्बात इस फिल्म में दिखाए गए हैं, उससे हम सभी कभी न कभी, किसी न किसी तरह से गुजरे हैं। यह फिल्म हम सभी की जिंदगी से जुड़ती है। फिल्म देखने के बाद हम यह गर्व से कह सकते हैं कि हमने इसका निर्माण किया है।’

 

 

कई भाषाओं में टीवी पर प्रसारण
आमिर के मुताबिक, ‘हमारे देश में करीब 4000 सिनेमाघर हैं जिनमें देश की करीब 2 प्रतिशत जनता ही फिल्में देख पाती है। सिनेमाघर में फिल्म रिलीज करने का मतलब होता है कि उस वक्त हम आम आदमी से नहीं जुड़ पाते। जब सिनेमाघर से निकलकर फिल्म टीवी पर आती है तब जाकर यह बड़े पैमाने पर देखी जाती है।

 

हम चाहते थे कि लोग बड़ी तादाद में इस फिल्म को देखें, जिसके लिए हमने दो चीजें की, पहला इसे टीवी पर रिलीज करने का फैसला लिया, जिससे कि 26 जनवरी को झंडा लहराने के बाद लोग इसे टीवी पर देख सकें। दूसरा, हम चाहते हैं कि पूरा देश इस फिल्म को अपनी भाषा में देखे, इसलिए हमने इसे अलग-अलग भाषाओं में डब किया।’

 

‘ठग्स ऑफ  हिंदोस्तान’ से सीख
आमिर खान कहते हैं, जितना आप विफलता से सीख सकते हैं, उतना सफलता आपको नहीं सिखा सकती। ऐसा ही मेरे साथ भी हुआ। ‘ठग्स ऑफ  हिंदोस्तान’ की विफलता से मैंने काफी कुछ सीखा। कई सालों से मेरी कोई भी फिल्म विफल नहीं हुई है इसलिए इस फिल्म की विफलता को मैं सीख के तौर पर ले रहा हूं और समझने की कोशिश कर रहा हूं कि हमने कहां-कहां गलतियां की।’

 

वह यह भी कहते हैं, ‘ठग्स ऑफ  हिंदोस्तान’ की विफलता के लिए मैंने अपने प्रशंसकों से इसलिए माफी मांगी क्योंकि जब ओपनिंग के दिन वे इतनी बड़ी तादाद में सिनेमाघरों तक आते हैं तो उन्हें हमसे कुछ उम्मीदें होती हैं, जिस पर मैं खरा नहीं उतर पाया। मुझे दुख हुआ कि मैंने उन्हें निराश किया।

 

दर्शकों के साथ जज्बाती तौर पर मेरा बहुत ही गहरा रिश्ता है जिसके कारण मेरे दिल से यह बात आई कि इस बार मैं अपने दर्शकों का मनोरंजन नहीं पाया जिसके लिए मुझे माफी मांगनी चाहिए और मैंने ऐसा ही किया।’

Chandan