रिया चक्रवर्ती के समर्थन में इंडस्ट्री का खुला खत: सलमान और संजय के लिए दयालु थी मीडिया, फिर रिया का विच हंट क्यों

9/16/2020 8:40:23 AM

मुंबई: बाॅलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मामले में केस की मुख्य आरोपी  रिया चक्रवर्ती के मीडिया ट्रायल को लेकर बॉलीवुड का एक तबका उठ खड़ा हुआ है। सोनम कपूर, शिबानी दांडेकर, जोया अख्तर, गौरी शिंदे और अनुराग कश्यप सहित 2500 स्टार्स और करीब 60 संगठनों ने न्यूज मीडिया के नाम एक खुला खत लिखा है। पत्र में कहा गया है कि 'खबरों का शिकार करो, महिला का नहीं।'

इस खत में लिखा है-, जब हम मीडिया को रिया चक्रवर्ती का शिकार करते हुए देखते हैं तो हम समझ नहीं पाते हैं कि आपने पत्रकारिता की पेशेवर नैतिकता को क्यों त्याग दिया है? आप एक महिला की मानवीय शीलनता और गरिमा को बनाए रखने के बजाए कैमरे लेकर उस पर हमला करने में लगे हैं। आप उसकी निजता का उल्लंघन कर रहे हैं और झूठे आरोपों पर दिन-रात काम कर रहे हैं। 'रिया को फंसाओं' ड्रामा चल रहा है।

'आप सलमान, संजय के प्रति दयालू थे'

सेलेब्स ने लेटर में आगे लिखा -'हम जानते हैं कि आप अलग हो सकते हैं - क्योंकि हमने आपको सलमान खान और संजय दत्त के प्रति दयालु और सम्मान के साथ देखा है। लेकिन, जब यह एक युवा महिला की बात आती है, जिस पर अभी कोई अपराध साबित नहीं हुआ तो आपने उसके चरित्र की हत्या कर दी है, उसे और उसके परिवार को गिराने के लिए एक ऑनलाइन भीड़ को उकसाया, गलत मांगों को हवा दी और उसे अपनी जीत कहा। कौन सी जीत है इसमें?'

'आपको सिर्फ एक कहानी का जुनून सवार'

लेटर में आगे लिखा-'आपको केवल एक कहानी बनाने का जुनून सवार हो गया है।एक युवा महिला जो अपने फैसले खुद करती है, जो बिना शादी के अपने प्रेमी के साथ रहती है और जो खुद को संकट में काम करने वाले की तरह अभिनय करने के बजाय खुद के लिए बोलती है, एक नैतिक रूप से संदिग्ध चरित्र है। उसे किसी भी कीमत पर, बिना जांच के, कानून की प्रक्रिया के बिना और अपने अधिकारों के सम्मान के लिए, एक अपराधी माना जाता है।'

पत्र में लिखा है कि महिलाओं पर पहले से ही कई लोग अविश्वास जता रहे होते हैं। उन्हें आजादी के लिए गालियां दे रहे होते हैं। यह जाहिर तौर पर जीडीपी से लेकर हेल्थ तक जैसे मुद्दों पर स्टोरी करने से आसान है, जिनसे हमारा देश फिलहाल गुजर रहा है। लेटर में लिखा है कि एक महिलाओं को विक्टीमाइज करना आसान है। क्योंकि उन पर पहले से ही कई लोग अविश्वास जता रहे होते हैं। उन्हें उनकी हलकी सी आजादी के लिए गालियां दे रहे होते हैं। यह जाहिर तौर पर जीडीपी से लेकर हेल्थ तक जैसे मुद्दों पर स्टोरी करने से आसान है, जिनसे हमारा देश फिलहाल गुजर रहा है। मीडिया को महामारी के इस दौर में मेंटल हेल्थ के बारे में सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि इसके चलते सुसाइड की दर बढ़ रही है। 

Smita Sharma