लगी शर्त, नहीं देखी होगी आपने अजय देवगन की लाइफ की ये PHOTOS

9/25/2016 1:30:38 PM

नई दिल्ली: इन दिनों फिल्म 'शिवाय' के कारण बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन चर्चा में हैं। नई दिल्ली में जन्मे अजय देवगन का असली नाम विशाल वीरू देवगन है, जबकि प्यार से उन्हें राजू बुलाया जाता है। पद्मश्री जीतने वाले अजय 24 साल से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं।

बता दें कि अजय देवगन तब 16 साल के थे, जब उनकी पहली फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म का नाम था 'प्यारी बहना'। 1985 में आई सी फिल्म में उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के यंगर वर्जन को जिया था। इसके साथ ही अजय के पिता वीरू देवगन जाने-माने स्टंट कोरियोग्राफर हैं और उनकी मां वीणा प्रोड्यूसर।

अजय की पहली फिल्म ‘फूल और कांटे’ में भी वीरू ही स्टंट और एक्शन कोरियोग्राफर थे। वीरू प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और राइटर भी थे। उन्होंने साल 1999 आई फिल्म ‘हिंदुस्तान की कसम’का डायरेक्ट किया था। बतौर निर्देशक वीरू की यह एक मात्र फिल्म है।

अजय देवगन और काजोल की लव स्टोरी फिल्म 'हलचल'(1995) के सेट पर शुरू हुई थी। पहली मुलाकात के दौरान अजय को चुप-चुप देख काजोल हैरान थीं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि उस वक्त उन्हें ऐसा लग रहा था कि वे कैसे इस एक्टर के साथ काम करेंगी। बाद में दोनों ने ‘इश्क’, ‘प्यार तो होना ही था’, ‘दिल क्या करे’, ‘राजू चाचा’ और ‘यू मी और हम’ जैसी कई फिल्में साथ कीं। 1995 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘करन-अर्जुन’ में पहले करन का रोल अजय देवगन को ऑफर किया गया था, लेकिन किसी वजह से उन्होंने इसे ठुकरा दिया। 

डेब्यू फिल्म ‘फूल और कांटे’ में अजय देवगन की एंट्री दो मोटरसाइकिलों पर एक स्टंट के साथ हुई थी। वह स्टंट काफी फेमस हुआ था। सालों बाद ऐसा ही स्टंट अजय ने 2012 में फिल्म 'सन ऑफ सरदार' में भी किया था। 

अजय देवगन एक्टर नहीं, बल्कि डायरेक्टर बनना चाहते थे। अजय डायरेक्टर शेखर कपूर के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करने लगे। उनकी मुलाकात कुकू कोहली से हुई, जो उस वक्त 'फूल और कांटे' बना रहे थे। इस फिल्म में लीड रोल ऑफर किया। फिल्म सुपरहिट हुई और अजय देवगन की पहचान एक एक्शन हीरो के रूप में बन गई।

अजय देवगन को दो बार फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर अवॉर्ड मिल चुका है। उन्होंने पहला नेशनल अवॉर्ड 1998 में और दूसरा 2002 में मिला था। ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ में भगत सिंह का रोल करने के पहले अजय ने अपना वजन कम किया था और भगत सिंह के बारे में कई किताबें पढ़ी थीं और इनका उन पर गहरा असर हुआ।

अजय को फिल्मी पार्टीज पसंद नहीं हैं। वह बॉलीवुड की ज्यादातर पार्टियों से गायब रहते हैं। काम खत्म होते ही वे घर जाकर बच्चों के साथ खेलना पसंद करते हैं।
काजोल और अजय देवगन। बच्चों से अजय को विशेष लगाव है। बच्चों को ध्यान में रखकर उन्होंने राजू चाचा (2000) और 'टूनपुर का सुपरहीरो' (2010) फिल्में बनाईं, लेकिन दोनों ही फिल्में बुरी तरह पिटी।

मसेराती क्वाट्रोपोर्टे कार खरीदने वाले अजय देगवन पहले भारतीय हैं। अजय ने जिस वक्त मसेराती क्वाट्रोपोर्टे ली थी, उस वक्त इसकी कीमत 4 करोड़ के आसपास थी।

अजय दिलीप कुमार के साथ फिल्म करने की ख्वाहिश रखते हैं। उन्होंने दिलीप साहब के साथ ‘असर : द इम्पेक्ट’ नामक फिल्म प्लान की थी, लेकिन किसी वजह से यह शुरू नहीं हो सकी, जिसका अजय को आज भी अफसोस है।
 


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