बिंदास और जिंदादिल ‘तुम्हारी सुलु’

11/10/2017 9:50:31 AM

मुंबई: अभिनेत्री विद्या बालन लीक से हटकर फिल्में करने में विश्वास करती हैं। उनकी नई फिल्म ‘तुम्हारी सुलु’ रिलीज के लिए तैयार है। इस फिल्म में विद्या बिंदास गृहिणी का किरदार निभा रही हैं, जो रेडियो जॉकी भी है। उसे रात के शो करना अच्छा लगता है। 17 नवंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म में विद्या के पति की भूमिका मानव कौल ने निभाई है, जबकि नेहा धूपिया उनकी बॉस बनी हैं। फिल्म का निर्देशन सुरेश त्रिवेणी ने किया है। फिल्म  की प्रोमोशन के लिए दिल्ली पहुंचे विद्या बालन और मानव कौल ने नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी   से खास बातचीत की। पेश   हैं मुख्य अंश:

 ‘असल जिंदगी में सुलु जैसी’
‘तुम्हारी सुलु’ के बारे में विद्या बताती हैं, ‘मेरा किरदार गृहिणी का है, जिसका नाम सुलु (सुलोचना) है और वह अपनी जिंदगी में बहुत खुश है। उसमें अभी भी बचपना है। वह सोचने से पहले कुछ भी बोल देती है। उसके छोटे-छोटे ख्वाब हैं। जोर-जोर से हंसने वाली सुलु जिंदादिल औरत है। यह उसके परिवार की प्यारी-सी कहानी है, जिसकी जिंदादिली आपके दिल को छू जाएगी।’ वह कहती हैं, ‘मैं असल जिंदगी में सुलु जैसी ही हूं। काफी समय बाद ऐसा कोई किरदार कर रही हूं, जो मुझसे मेल खाता है। शूटिंग के दौरान मैं दिल खोलकर हंसी हूं। 

इतना अच्छा लगा है कि बता नहीं सकती हूं। सुलु की दूसरी खूबी है कि वह कभी हार नहीं मानती है। वह कोशिश करने में यकीन करती है इसीलिए फिल्म की टैगलाइन भी है - मैं कुछ भी कर सकती हूं। मेरे करीबियों का कहना है कि यह ऐसी फिल्म है जो तुम्हारे व्यक्तित्व के काफी करीब है।’ 
वह फिल्म के ‘हवा हवाई’ गाने का जिक्र करते हुए कहती हैं, ‘यह गाना मेरे किरदार से मिलता है। खुशकिस्मती यह रही कि मुझे श्रीदेवी की कॉपी नहीं करनी पड़ी। अलग स्टाइल में गाने को शूट किया गया। इस गाने के दौरान नेहा, मलिष्का और मैंने खूब एन्जॉय किया।’ 


 ‘जिम्मेदारियों के बीच खुद को न भूलें
अभिनेत्री का कहना है, ‘मेरी शादी को पांच साल हो गए हैं। मैं आपको बता सकती हूं कि अगर आप न चाहें तो शादी के कई साल बाद भी आपकी जिंदगी में कुछ नहीं बदलता, सब नया जैसा ही रहता है। शादी के कुछ साल बाद जिंदगी बोर होने लगती है, ऐसा लोगों को सिर्फ इसलिए लगता है क्योंकि फिल्मों में ऐसे ही शादीशुदा जोड़ों को दिखाया जाता है जो एक-दूसरे से नाखुश होते हैं।’ उनका कहना है, ‘शादी के बाद जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ज्यादातर जिम्मेदारी एक महिला को ही उठानी पड़ती है। फिर भी मैं कहना चाहूंगी कि आप इन सब में खुद को न भूलें। कभी-कभी अपनी पसंद का खाना बनाएं, गाने सुनें, किताबें पढ़ें, फिल्म देखने जाएं या जो इच्छा हो वह करें। बस यह याद रखें कि अपनी इच्छाओं को न मारें। आप खुद का महत्व जानेंगी तभी सभी आपको महत्व देंगे।’

 ‘असल जिंदगी में आरजे नहीं बन सकती’
विद्या ने फिल्म में आरजे का किरदार निभाया है, पर वह कहती हैं, ‘मैं असल जिंदगी में कभी आरजे नहीं हो सकती, क्योंकि आरजे हाजिर जवाब होते हैं, सोचकर बोलते हैं और दूसरों को अच्छे से सुनते हैं। मैं ऐसी बिल्कुल नहीं हूं। मैं तो बिना सोचे-समझे कुछ भी बोल देती हूं। मुझे एकिंटग के अलावा कुछ नहीं आता।’ उनका यह भी कहना है, ‘मैं इस सवाल का जवाब कभी नहीं दे पाती कि अपनी फिल्मों में से मेरी पसंदीदा कौन-सी है। दरअसल, आपके अगर चार बच्चे हैं, तो आप उनमें से किसी एक का नाम नहीं बता सकते जो आपको सबसे प्यारा हो, क्योंकि सभी आपके कलेजे के टुकड़े हैं। ऐसा ही फिल्मों के साथ है, सभी फिल्मों के लिए आपने मेहनत की है, यह अलग बात है कि किसी फिल्म ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया हो लेकिन आपने मेहनत तो उतनी ही की है न।’


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