उमा भारती के बाद अब पद्मावती विवाद पर बोले नितिन गडकरी, कहा- फिल्ममेकर्स सीमा में रहें तो बेहतर

11/17/2017 9:43:27 AM

मुंबई: बॉलीवुड फिल्म "पद्मावती" के विरोध में उमा भारती, सुब्रह्मण्यम स्वामी के बाद अब एक और नेता का बड़ा बयान सामने आया है। हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुस्से में आकर कहा है कि फिल्ममेकर्स सीमा में रहें तो बेहतर होगा। 

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गडकरी ने आगे कहा, मेकर्स को सांस्कृतिक संवेदनशीलता बनाए रखने की आवश्यकता है। फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता। लोगों को फिल्म से नाराज होने का अधिकार है। बीजेपी के सीनियर नेता का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो रहा है। वहीं पद्मावती के खिलाफ सड़कों पर उतरे राजपूत राजघरानों के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने दावा किया कि आज जो ये तथाकथित जाबांज महाराजा एक फिल्मकार के पीछे पड़े हैं और दावा कर रहे हैं कि उनका सम्मान दांव पर लग गया है। यही महाराजा उस समय भाग खड़े हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान सम्मान को रौंद दिया था।

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क्यों है विवाद ?

कई बातों को लेकर विवाद है। आरोपों के मुताबिक फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी को महिमामंडित किया गया है। खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस फिल्माया गया है। रानी पद्मावती को उस तरह दिखाया गया जैसा राजपूत या राजपरिवारों में नहीं होता। घूमर डांस में भी राजपूत समाज की गलत प्रस्तुति हुई। कहा जा रहा कि पुरुषों के सामने रानियां डांस नहीं करती।

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ये फिल्म सात सौ साल पहले की एक कहानी पर बन रही है। हिंदी कवि मालिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत लिखी थी। इसमें रानी पद्मिनी और खिलजी का जिक्र है। कुछ लोग गल्प मानते हैं तो वहीं कई लोग इसे ऐतिहासिक कहानी बताते हैं। कहा जाता है कि खिलजी रानी पद्मिनी को लेकर आशक्त था. उसने मेवाड़ पर हमला कर दिया था। रानी पद्मिनी ने 16 हजार राजपूत महिलाओं के साथ जौहर कर लिया था।


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