Movie review: 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का'

7/20/2017 3:45:39 PM

मुंबई: बॉलीवुड फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का कई कॉन्ट्रोवर्सी के बाद रिलीज होने के लिए तैयार है। यह कहानी बुआ जी उर्फ ऊषा (रत्ना पाठक शाह), लीला(अहाना कुमरा), शिरीन (कोंकणा सेन शर्मा) और रिहाना(प्लाभिता) की है जो भोपाल के एक मोहल्ले में रहते हैं। बुआ जी को रोमांटिक उपन्यास पढ़ने का शौक है, लीला का सपना है कि वो फोटोग्राफर अरशद (विक्रांत मास्सी) के साथ शहर छोड़कर दिल्ली भाग जाए। शिरीन अपने पति (सुशांत सिंह) और तीन बच्चों के साथ एक बंधी-बंधी जिंदगी गुजारती है लेकिन बिना बताए सेल्स वूमेन का काम करती है। वहीं बहुत सारी पाबंदियों के बावजूद रिहाना, अंग्रेजी गानों की दीवानी है और घर से निकलते ही वो अपनी ही दुनिया में चली जाती है। इन चारों महिलाओं की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आते हैं और अंत में फिल्म को एक अंजाम मिलता है जिसका पता आपको थिएटर तक जाकर ही चल पाता है।

बता दें कि फिल्म का डायरैक्शन बहुत ही उम्दा है और एक साधारण कहानी को बड़े ही बेहतरीन अंदाज में अलंकृता ने पेश किया है। सिनेमेटोग्राफी, कैमरा वर्क और बैकग्राउंड कमाल का है। फिल्म की कहानी काफी साधारण है लेकिन प्रभावित करने वाली है जो कि लोगों की सोच का नजरिया बदल पाने में सक्षम है। फिल्म के डायलॉग्स काफी तगड़े हैं इसे बखूबी लिखा गया है। मोहल्ले में कैसे-कैसे चीजें और रोजमर्रा की जिंदगी होती है, उसे बेहतरीन तरीके से दर्शाया है। फिल्म में हर किरदार ने बहुत ही जबरदस्त परफॉर्मेंस दी है। रत्ना पाठक की अदाकारी बहुत ही कमाल की है जो हंसाने के साथ-साथ आपको सोचने पर भी मजबूर करती है। वहीं कोंकणा सेन शर्मा, अहाना कुमरा और प्लाभिता ने भी उम्दा काम किया है। सुशांत सिंह और विक्रांत मासी की एक्टिंग भी बेहतरीन है जो किरदार और कहानी के संग-संग जाती है। बाकी को-स्टार्स का काम भी बहुत अच्छा है।फिल्म का म्यूजिक कहानी के साथ-साथ जाता है। बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है।


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