तो क्या हॉलीवुड शो की कॉपी है फरहान की फिल्म ''लखनऊ सेंट्रल''?

9/14/2017 7:15:20 PM

मुंबईः फरहान अख्‍तर और डायना पेंटी की फिल्‍म 'लखनऊ सेंट्रल' कल यानी शुक्रवार को रिलीज हो रही है। इस फिल्‍म में फरहान एक कैदी बने नजर आ अाएंगे। इस फिल्‍म की बुधवार को मुंबई में स्‍पेशल स्‍क्रीनिंग रखी गई। इस फिल्म के जरिए रंजीत तिवारी डायरेक्शन के क्षेत्र में डेब्यू कर रहे हैं। यह फिल्म सपनों, नुकसान और जिंदगी में कैसे जीवित रहा जाए उसकी कहानी को बयां करती है। फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। कहानी की बात करें तो फिल्म पांच कैदियों के इर्द-गिर्द घूमती है जो आजाद होने का सपना देखते हैं। 

 

ट्रेलर और अब तक फिल्म से जुड़ी जो कहानी सामने आई है, उसके आधार पर माना जा रहा है कि ये अमेरिकन टीवी सीरीज 'प्रिजन ब्रेक' से प्रेरित है। प्रिजन ब्रेक की तरह फरहान के फिल्म की कहानी जेल के ईर्द-गिर्द ही है।

 

ट्रेलर में फरहान अख्तर कहते हैं- बंदे कैद होते हैं सपने नहीं, शहर छोटे होते हैं सपने नहीं। फिल्म में फरहान उत्तर प्रदेश में रहने वाले एक लड़के किशन का किरदार निभा रहे हैं जो गायक बनना चाहता है। किशन की इच्छा है कि वो एक बैंड बनाए। लेकिन इसी बीच उसकी जिदंगी में ऐसा कुछ घटता है जिसकी वजह से उसपर खून का इल्जाम लगता है और वो लखनऊ सेंट्रल जेल पहुंच जाता है। 

 

अपने ट्रायल के दौरान उसे पता चलता है कि मुख्यमंत्री ने स्वतत्रंता दिवस के मौके पर इंटर जेल प्रतियोगिता का आयोजन किया है। रवि किशन ने मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई है जो अखिलेश यादव से प्रेरित है। इसके बाद किशन एनजीओ कर्मी (डायना पेंटी) की मदद से एक बैंड बनाने का निर्णय लेता है। जबकि उसका मुख्य मकसद जेल से भागने का होता है। किशन के साथी उसे भागने के लिए मास्टर प्लान इस उम्मीद से बताते हैं कि उनका दोस्त अपने सपनों को पूरा कर सकेगा।
 


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