स्वतंत्रता पर चोट बर्दाश्त नहीं : दीपिका

11/21/2017 10:06:22 AM

मुंबई: लगभग 10 वर्ष पहले फराह खान की फिल्म ‘ओम शांति ओम’ से अपने करियर की शुरूआत करने वाली दीपिका पादुकोण आजकल संजय लीला भंसाली की महत्वाकांक्षी ऐतिहासिक फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर चर्चा में हैं। कुछ संगठनों द्वारा इस फिल्म का यह कह कर विरोध किया जा रहा है कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है और रानी पद्मावती के किरदार को गलत ढंग से दिखाया गया है। इस संबंध में हालांकि दीपिका को जान से मारने की धमकियां भी मिल रही हैं  परन्तु वह इन सब बातों को लेकर अधिक विचलित नहीं हैं और इस फिल्म की रिलीज के इंतजार में हैं। पेश हैं उनसे एक बातचीत के अंश:

‘पद्मावती’ आपका अब तक का सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट है। क्या कहेंगी?
—फिल्म ‘पद्मावती’ सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी एक शानदार फिल्म है। यदि भारत में महिला प्रधान फिल्मों के बजट की बात की जाए तो यह सर्वाधिक महंगी फिल्म है, मैं पहले भी ‘पीकू’ जैसी महिला प्रधान फिल्म में काम कर चुकी हूं परन्तु जिस भव्यता के साथ ‘पद्मावती’ बनाई गई है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। 

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‘पद्मावती’ के किरदार के बारे में आपको सर्वाधिक आकॢषत किस बात ने किया?
—एक अभिनेत्री के तौर पर मैं पद्मावती के साहस तथा ताकत को लेकर काफी उत्साहित हूं। मैंने पहले भी कई फिल्मों में शक्तिशाली महिला के किरदार निभाए  हैं। उन सबकी अपनी-अपनी सोच थी। आज की पीढ़ी को पद्मावती का साहस प्रेरित 
कर सकता है। मेरे लिए यह बात काफी महत्वपूर्ण है कि आज के दौर में भी ऐसी फिल्म बनाई गई है।

एक अभिनेत्री के तौर पर आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
—यह मेरे लिए अब तक निभाया गया सर्वाधिक मुश्किल किरदार है। मैं अब अपनी अगली फिल्म की शूटिंग फरवरी में शुरू करूंगी। हर कोई मुझसे पूछ रहा है कि मैंने इतनी लंबी ब्रेक क्यों ली है तो मेरा जवाब यही है कि पद्मावती ने शारीरिक तथा भावनात्मक तौर पर मुझसे बहुत कुछ लिया है इसलिए मुझे खुद को ताजादम करने के लिए समय चाहिए तभी मैं आगे चल कर कोई भूमिका निभा सकूंगी। 


इस फिल्म के निर्माण के दौरान ही काफी विवाद पैदा हो गए थे, उनका आप पर कितना प्रभाव पड़ा?
—हम सबको इस फिल्म पर बहुत गर्व तथा विश्वास है। जब आपकी सोच सही हो तो कोई किसी फिल्म को रोक नहीं सकता। कलाकारों के तौर पर जब हम इस फिल्म पर काम कर रहे थे तो हम बिल्कुल एक अलग दुनिया में थे। पिछले महीने ही हमने यह फिल्म समाप्त की और उस दुनिया से बाहर आए तब ही मैं इस पर कुछ बोली थी। मुझे हैरानी है कि हम कब तक चुप रहेंगे? मनोरंजन जगत को कब तक बलि का बकरा बनाया जाता रहेगा? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कोई कैसे खत्म कर सकता है? मैं तो इस बात को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगी। कुछ लोग कब तक अपनी संकीर्ण सोच को दूसरों पर लादते रहेंगे।

‘गोलियों की रासलीला, ‘रामलीला’ तथा ‘बाजीराव मस्तानी’ में तो आपने रणवीर सिंह की प्रेमिका का किरदार निभाया था परन्तु ‘पद्मावती’ में आप उनके साथ दिखाई तक नहीं देतीं। क्या कहेंगी?
—यह बहुत अजीब है। संजय सर  ने हम दोनों को पहली दो प्रेम कहानियों में एक साथ पेश किया और उसके बाद उन्होंने बिल्कुल अलग किस्म की हेट स्टोरी बनाने का निर्णय ले लिया। ‘पद्मावती’ में मैं तथा रणवीर बिल्कुल ब्यूटी एंड द बीस्ट की तरह हैं। जब आप किसी को एक खास तरीके से जानते हैं तो इस डायनामिक को पेश करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। मैं और रणवीर शूटिंग के दौरान एक-दूसरे से मिलते भी नहीं थे। हमें यह भी नहीं पता होता था कि दूसरा व्यक्ति क्या कर रहा है। 


आपने ‘चेन्नई एक्सप्रैस’ और फिर ‘फाइंडिग फैनी’ जैसी फिल्में की हैं, आप अपने प्रोजैक्ट किस तरह चुनती हैं? 
—मैं एक्साइटमैंट को हमेशा जिंदा रखने की इच्छा रखती हूं। हर 6 महीने पर विभिन्न प्रकार के किरदार निभाना मुझे बहुत मजेदार लगता है। स्क्रिप्ट चुनते वक्त मैं अपने मन की सुनती हूं। मैं फिल्मों की संख्या पर नहीं परन्तु उनकी गुणवत्ता पर विश्वास करती हूं। यदि मुझे कुछ पसंद नहीं आता तो मैं वह फिल्म बिल्कुल नहीं करती। इस मामले में मैं कभी बदलूंगी भी नहीं। 

इंडस्ट्री में आप 10 वर्ष पूरे कर चुकी हैं, अपने अब तक के सफर को कैसे देखती हैं?
—मुझे जो कुछ भी मिला है, उसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मुझे यह भी पता है कि यह सब कुछ मेरी प्रतिबद्धता, मेहनत तथा समर्पण का ही फल है। वैसे भी यह सब रातों-रात नहीं हुआ, सिर्फ मेरे परिवार, मेरी टीम तथा मुझे ही पता है कि मैंने इसके लिए कितनी कोशिश की है। मुझे किसी तरह की किसी से कोई शिकायत भी नहीं है। 

पहले आप अपने निजी जीवन के बारे में खुल कर बात किया करती थीं, परन्तु अब आपने ऐसा करना कम कर दिया है, क्यों?
—इस संबंध में मेरा कोई फार्मूला नहीं है। मेरी जिंदगी का कुछ हिस्सा ऐसा है, जिसे मैं खुद तक ही सीमित रखूंगी। बाकी सब कुछ लोगों के सामने है। मैं चाहती हूं कि कुछ चीजों के बारे में मैं न बोलूं परन्तु मैं कुछ छिपाऊंगी भी नहीं।
अपनी डिप्रैशन के बारे में बात करने के लिए आपको किसने प्रेरित किया? 
—जब मैं थोड़ा ठीक हो गई थी, तो किसी ने मुझसे कहा कि मुझे डिप्रैशन के अपने अनुभव लोगों के साथ सांझा करने चाहिएं। मुझे खुशी है कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बातचीत करने का तरीका अब बदल चुका है। हालांकि इससे जुड़ी पीड़ा अभी भी वैसी ही है और हमें इस संबंध में बहुत कुछ करने की जरूरत है। 
आप अक्सर विभिन्न कलाकारों के 

साथ दिखाई देती हैं, आपका सामाजिक जीवन कैसा है? 
—मुझे अत्यधिक खुशी है कि मुझे बहुत ही सपोॢटव को-स्टार, डायरैक्टर तथा प्रोड्यूसर मिले हैं। एक्टर होने के साथ जो बात जुड़ी हुई है, वह यह है कि हमें घुमक्कड़ों जैसी जिंदगी जीनी पड़ती है। हम लगातार एक जगह  से दूसरी जगह जाते रहते हैं। जब हम किसी फिल्म के लिए काम करते हैं तो भावनात्मक रूप से एक-दूसरे के साथ जुड़ जाते हैं, परन्तु जैसे ही फिल्म खत्म होती है, तो वह रिश्ता हमसे छिन्न जाता है। हम अपनी अगली फिल्म के लिए काम करने लगते हैं और फिर वही सिलसिला शुरू हो जाता है। 
अभी हाल ही में कुछ अभिनेत्रियों ने यौन उत्पीडऩ के मामले में खुल कर बात की है, क्या आपको भी कभी ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा? 
—मैं सिर्फ अपने अनुभव से ही कुछ कह सकती हूं। इंडस्ट्री से बाहर की होने के नाते मुझे हमेशा कहा जाता था कि बॉलीवुड एक कासिंटग काऊच के समान है। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे इसका कभी सामना नहीं करना पड़ा। 


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