‘सीक्रेट सुपरस्टार’  ‘दंगल’ से  10 कदम आगे

10/17/2017 10:43:35 AM

‘सीक्रेट सुपरस्टार’ से पंजाब केसरी से खास बातचीत के कुछ अंश-

मुझमें और इंसिया में बहुत बड़ा फर्क : जायरा
वह 14 साल की है और बड़ौदा से है, उसके खूब सारे सपने और महत्वाकांक्षाएं हैं। वह अपनी मां के असर में है। मुझमें और इंसिया में एक बड़ा फर्क है कि वह एक प्रतिभाशाली गायिका है जबकि मैं हकीकत में ऐसी नहीं हूं। वह चाहती है कि उसका सम्मान हो और इसके लिए संघर्ष करती है। इसी वजह से इस किरदार और माहौल से राब्ता बनाना मुझे चुनौती भरा लगा। यह मुश्किल काम था क्योंकि मेरा लालन-पालन एक ऐसे परिवार में हुआ जहां बेटी को एकदम रानी की तरह प्यार-दुलार मिलता है। मुझे खूब लाड-दुलार मिला है। मां-बाप ने मुझे खूब बढ़ावा और सहयोग दिया है कि जो मेरे जी में आता है मैं वही करती हूं।

 फिल्म मिली तो लगा कि स्कूल नहीं जाना पड़ेगा
जब ‘दंगल’ खत्म हुई तो मुझे ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ मिल गई। मैं बहुत खुश थी कि फिर मुझे आमिर खान प्रोडक्शन में काम मिल रहा है, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा खुशी की वजह कुछ और थी। दरअसल, मुझे लगा चलो अब 10वीं क्लास के लिए स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। हालांकि शूटिंग खत्म होते ही मैं पढ़ाई में लग गई और 92 प्रतिशत नंबर भी आ गए।

 

 

परफैक्शनिस्ट नहीं पैशनेट हैं आमिर सर 
सब लोग आमिर सर को परफैक्शनिस्ट कहते हैं। लेकिन उनके लिए ‘परफैक्शनिस्ट’ का टैग गलत है। वह तो पैशनेट हैं। वह अपने काम को लेकर सच में बहुत जुनूनी हैं। इस फिल्म में उनका किरदार ऐसा है कि दर्शकों को बहुत पसंद आएगा। वह जब भी सैट पर आते थे उन्हें देख कर मेरी हंसी नहीं रुकती थी।

‘सत्यमेव जयते’ से निकला ‘सीक्रेट सुपरस्टार’: अद्वैत 
आमिर जब ‘सत्यमेव जयते’ कर रहे थे, तब मैं उनका मैनेजर था। उस दौरान मैं ऐसे-ऐसे लोगों से मिला, जिनसे मिलकर मुझे लगा कि ये लोग सच में हमारे देश के ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ हैं। उसी दौरान आमिर सर की एक बात मेरे दिल को छू गई थी। जब उन्होंने कहा था कि बच्चे बुलबुले जैसे होते हैं एक के बाद एक ऊपर आते हुए इन्हें कोई नहीं रोक सकता। ये लाइन मैंने इस फिल्म में इस्तेमाल भी की है। 

परफैक्ट हैं दोनों एक्टर 
आमिर के साथ काम करना बहुत आसान है क्योंकि, आमिर खुद अपने किरदार की पूरी तैयारी कर लेते हैं, अपने किरदार में पूरी तरह घुस जाते हैं। दूसरी तरफ जायरा भी ऐसी ही है। मेरे लिए तो बहुत अच्छी बात ये रही कि फिल्म के दोनों एक्टर ही परफैक्ट हैं।
ठ्ठ नहीं चाहता था कि जायरा ‘दंगल’ में काम करे

मैं अपनी फिल्म के लिए 14 साल की कोई लड़की ढूंढ रहा था। 6 महीने हो गए लेकिन मुझे कोई नहीं मिला। एक दिन आमिर सर ने मुझसे कहा कि उन्हें ‘दंगल’ के लिए एक लड़की मिली है। जब मैं जायरा से मिला तो हैरान रह गया लेकिन वह ‘दंगल’ के लिए फाइनल हो चुकी थी। उसके बाद मैंने आमिर सर और नितेश तिवारी को काफी मनाने की कोशिश की कि वे जायरा को ‘दंगल’ में न लें। असल में मैं नहीं चाहता था कि मेरी फिल्म की हीरोइन ‘दंगल’ में सैकेंड-थर्ड लीड रोल करे।


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