B''DAY: आवाज अौर अभिनय से किशोर कुमार ने किया लोगों के दिलों पर राज

8/4/2015 1:10:40 PM

नई दिल्लीः अपने गीतों से लोगों के दिलों में खास जगह बनाने वाले महान पार्श्व गायक किशोर कुमार की आज 86वीं जयंती है। किशोर कुमार ने भारत में संगीत को एक नया मुकाम दिया।4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में बंगाली परिवार में एडवोकेट कुंजी लाल गांगुली के घर सबसे छोटे लड़के के रुप में जन्में बालक को देखर शायद उस समय किसी को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि आगे चलकर यह बालक अपने देश और परिवार का नाम रोशन करेगा । किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार गांगुली था ।

किशोर कुमार की आवाज सहगल से काफी हद तक मेल खाती थी। बतौर गायक सबसे पहले उन्हें वर्ष 1948 में बाम्बे टाकीज की फिल्म ''जिद्दी'' में सहगल के अंदाज मे हीं अभिनेता देवानंद के लिए ''मरने की दुआएं क्यूं मांगू'' गाने का मौका मिला।उन्होनें वर्ष 1951 मे बतौर मुख्य अभिनेता फिल्म ''आंदोलन'' से अपने कैरियर की शुरुआत की, लेकिन इस फिल्म से दर्शको के बीच वह अपनी पहचान नहीं बना सके।

किशोर कुमार ने 1964 मे फिल्म ''दूर गगन की छांव में'' के जरिये निर्देशन के क्षेत्र मे कदम रखने के बाद ''हम दो डाकू'', ''दूर का राही'', ''बढ़ती का नाम दाढ़ी'', ''शाबास डैडी'', ''दूर वादियो मे कही'', ''चलती का नाम जिंदगी'' और ''ममता की छांव'' मे जैसी कई फिल्मों का निर्देशन भी किया। निर्देशन के अलावा उन्होनें कई फिल्मों मे संगीत भी दिया जिनमें ''झुमरू'', ''दूर गगन की छांव में'', ''दूर का राही'', ''जमीन आसमान'' और ''ममता की छांव'' मे जैसी फिल्मे शामिल है. बतौर निर्माता किशोर कुमार ने ''दूर गगन की छांव में ''और'' दूर का राही'' जैसी फिल्में भी बनाई।

पुरानी के साथ-साथ नई पीढ़ी भी किशोर दा की आवाज की दीवानी है। चलते चलते, मेरे ये गीत याद रखना, कभी अलविदा ना कहना,मेरे सपनों की रानी कब आयेगी तू'' और ''रूप तेरा मस्ताना जैसे गाने अाज भी लोगों की जुबान पर हैं। किशोर जितने उम्दा कलाकार थे, उतने ही रोचक इंसान। किशोर कुमार ने हिन्दी सिनेमा के तीन नायकों को महानायक का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उनकी आवाज के जादू से देवआनंद सदाबहार हीरो कहलाए। राजेश खन्ना को सुपर सितारा कहा जाने लगा और अमिताभ बच्चन महानायक हो गए।

किशोर कुमार को उनके गाए गीतों के लिए 8 बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।किशोर कुमार ने अपने संपूर्ण फिल्मी कैरियर मे 600 से भी अधिक हिंदी फिल्मों के लिए अपना स्वर दिया। उन्होंने बंगला, मराठी, गुजराती, कन्नड, भोजपुरी और उडिया फिल्मों में भी अपनी दिलकश आवाज के जरिए श्रोताओं को भाव विभोर किया।


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